Bhopal Jaypee Hospital: भोपाल के नेत्र रोगियों के लिए अच्छी खबर, जेपी अस्पताल का आपरेशन थियेटर हुआ चालू

Bhopal Jaypee Hospital: भोपाल के नेत्र रोगियों के लिए राहत भरी खबर है। शहर के प्रसिद्ध नेत्र रोग अस्पताल में फिर से आंखों का ऑपरेशन शुरू हो गया है। पहले दिन चार मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी हुआ है। एक हफ्ते से यहां ऑपरेशन नहीं किया जा रहा था।

Eye operation started in Jaypee Hospital
जेपी अस्पताल में आंखों का ऑपरेशन चालू  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • नल टूटने के कारण ओटी में भर गया था पानी
  • शनिवार को रिपोर्ट निगेटिव आई थी, सोमवार से शुरू हुआ ऑपरेशन
  • ओटी को संक्रमणमुक्त करने के बाद स्वाब कल्चर रिपोर्ट निगेटिव आने पर खोला गया

Bhopal Jaypee Hospital: शहर के नेत्र रोगियों को इलाज के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जयप्रकाश अस्पताल (जेपी) का ऑपरेशन थिएटर चालू हो गया है। पहले दिन सोमवार को चार मरीजों के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन भी किया गया। एक हफ्ते के बाद अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर चालू होने से मरीजों की संख्या बढ़ी है। जानकारी के अभाव में पहले दिन कम मरीज थे, लेकिन अब इनकी संख्या में काफी इजाफा होगा। 

दरअसल, एक हफ्ते पहले ओटी के रूम का नल टूटने से पूरे कमरे में जलभराव हो गया था। इससे संक्रमण फैलने की आशंका थी। ओटी को संक्रमण मुक्त किए जाने के बाद ओटी के स्वाब कल्चर की रिपोर्ट शनिवार को निगेटिव आई थी। इसके बाद सोमवार से ओटी सेवा को पुन: बहाल कर दिया गया। 

हाईपोक्लोराइड से संक्रमण मुक्त किया गया ओटी

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि नेत्र रोग विभाग की ओटी के टॉयलेट में निर्माण सामग्री रखे जाने के बाद नल टूटा था। उस वक्त टंकी में पानी नहीं था। अगले दिन टंकी में पानी आने पर नल के जरिए ओटी में पानी भर गया। इससे ओटी में संक्रमण फैलने की आशंका थी। जिस वजह से ओटी को अगले एक हफ्ते के लिए बंद किया गया था। जब पानी निकल गया तो फिर हाईपोक्लोराइड से ओटी को संक्रमण मुक्त किया गया। सावधानी के लिहाज से ओटी से कुछ जगह से स्वाब के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे। 

अब हो सकेगी सर्जरी

अब ओटी सुचारू रूप से काम कर रही है। इसमें मोतियाबिंद के ऑपरेशन, आंख में चोट लगने से होने वाले आकस्मिक ऑपरेशन एवं अन्य तरह की सर्जरी हो सकेगी। बता दें इस अस्पताल में पिछले हफ्ते ही स्नातकोत्तर चिकित्सा अधिकारी को प्रमोशन देकर नेत्र विशेषज्ञ बनाया गया है। अब इसमें नेत्र विभाग के तीन पीजीएमओ को विशेषज्ञ बनाया गया है। विभाग के सभी पद पर चिकित्सक बहाल हैं। जबकि पहले एक भी नेत्र विशेषज्ञ नहीं थे। इससे पहले भी यह पीजीएमओ विशेषज्ञ जैसे ही काम किया करते थे, लेकिन उनकी ड्यूटी आकस्मिक चिकित्सा में लगती थी। इस कारण काम प्रभवित हुआ करता था। 

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