Illegal Transportation: भोपाल में भारी पड़ेगा रेत का अवैध ट्रांसपोर्टेशन, अब सीधे पकड़े गए वाहन होंगे नीलाम

Illegal Transportation:राजधानी में अब अवैध खनन वालों की खैर नहीं। शिवराज सरकार ने रेत के अवैध परिवहन को सख्ती से रोकने के लिए सरकार ने नया कानून लागू किया है। अब अवैध रेत परिहवन में शामिल वाहनों को नीलाम किया जा सकेगा।

Bhopal Illegal Transportation
भोपाल में अवैध खनन वालों पर अब ज्यादा हो जाएगी सख्ती   |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • भोपाल में अवैध खनन वालों पर अब ज्यादा हो जाएगी सख्ती 
  • जिन वाहनों से होगा खनन, उन्हें किया जाएग नीलाम
  • शिवराज सिंह चौहान सरकार ने लागू किया नया कानून

Illegal Transportation: राजधानी भोपाल में रेत का अवैध खनन और परिवहन की सामान्य तौर पर शिकायतें मिलती रहती हैं। इस मामले में रेत माफियाओं के साथ खनिज और पुलिस महकमे के गठजोड़ को लेकर भी चर्चा और शिकायतें होती रहती हैं। अब तक बेहद सख्त कानून की कमी के चलते प्रदेश में अवैध रेत का परिवहन करने वालों के हौंसले कमोबेश बुलंद ही रहते हैं। ऐसे में अब रेत के अवैध परिवहन को सख्ती से रोकने के लिए सरकार ने नया कानून बनाया, जिसे अब लागू कर दिया गया है। अब भोपाल में अवैध रेत परिवहन में शामिल वाहनों को राजसात कर नीलाम भी किया जा सकेगा।

मध्य प्रदेश में खनिज साधन विभाग ने मप्र खनिज (अवैध खनन, परिवहन और भंडारण का निवारण) नियम 2022 लागू कर दिया है। इसी के साथ अब प्रदेश में रेत माफियाओं पर नकेल कसने की संभावना बढ़ गई है। राज्य सरकार ने भी इस संबंध में बाकायदा अधिसूचना भी जारी कर दी है। अब नए नियमों के तहत यदि कोई व्यक्ति बिना वैध परिवहन के रेत का परिवहन करते हुए पकड़ाया तो ऐसे मामले में तय रायल्टी का 15 गुना तक वसूली हो सकेगी। इस मामले में बाकायदा पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क भी वसूली जाएगा। 

किया गया है नए नियमों में प्रावधान

नए नियमों में प्रावधान किया गया है कि, जहां कोई व्यक्ति मप्र गौड़ खनिज नियम-1996 या फिर मप्र रेत खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार नियम-2019 या फिर विभाग द्वारा प्रचलित अन्य किसी तरह के नियमों का उल्लंघन करते हुए वैध परमिट के बिना खनिज का परिवहन कराता है तो ऐसे मामले में खनिज की रायल्टी का 15 गुना तक पेनाल्टी की वसूली की जा सकेगी। इसके अलावा ऐसे मामलों में भारी-भरकम राशि पर्यावरण क्षतिपूर्ति के नाम पर भी वसूली की जा सकेगी।

पर्यावरण को नुकसान के नाम पर चार लाख तक की हो सकेगी वसूली 

नए नियमों में जो प्रावधान किया गया है, उस हिसाब से वाहनों से अधिकतम चार लाख रुपए तक की वसूली हो सकेगी। अगर बिना वैध परमिट के कोई ट्रेक्टर रेत का परिहवन करते हुए पकड़ाया तो ऐसे मामले में पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में 25 हजार रुपए तक की वसूली हो सकेगी। इसी तरह टू एक्सल यानी छह पहिया वाहनों से यह वसूली दोगुनी यानी 50 हजार रुपए हो जाएगी। वहीं बम्पर हाइड्रोलिक छह पहिया वाहन से एक लाख रुपए पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में वसूल किया जा सकेगा। इसी क्रम में थ्री एक्सल यानी 10 पहिया वाहन से दो लाख रुपए की वसूली होगी और 4 से 6 एक्सल वाले यानी 10 पहिया से अधिक वाहनों से अधिकतम चार लाख रुपए की वसूली हो सकेगी।

दोनों को मिलाकर लगेगा जुर्माना 
बिना वैध परमिट के रेत परिवहन करने पर रायल्टी का 15 गुना तो जुर्माना लगेगा ही, साथ ही पर्यावरण नुकसान की राशि भी जुड़ जाने से वसूली की राशि भारी हो जाएगी। नए नियमों में यह भी प्रावधान किया गया है कि जब वसूली की बात आएगी तो जुर्माना और पर्यावरण क्षतिपूर्ति की राशि को एक साथ जोड़कर वसूली होगी। कई मामलों में यह राशि जब्त किए गए वाहनों की कुल कीमत से अधिक हो जाने की संभावना भी बन गई है। ऐसे में अब किसी माफिया के लिए बगैर वैध परमिट के रेत का परिवहन करने की हिम्मत जुटाना आसान नहीं होगा।

जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर

ऐसे मामलों में वाहन मालिक को तय समय पर जुर्माना और क्षतिपूर्ति की राशि भुगतान करने के लिए समय दिया जाएगा। तय समय में अगर वाहन मालिक तय राशि जमा नहीं कराता तो फिर ऐसे मामले में वाहन को राजसात कर नीलाम करने की कार्रवाई की जाएगी। नीलामी की राशि से जुर्माने और क्षतिपूर्ति की राशि वसूल की जाएगी। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर यह दोगुनी हो जाएगी पर वाहन राजसात नहीं किया जाएगा। राशि जमा करने पर जब्त वाहन उसके मालिक को दे दिया जाएगा। पुलिस यदि कोई मामला पकड़ती है तो इसकी सूचना अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को देनी होगी। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर भू-राजस्व की तरह संपत्ति नीलाम करके वसूली जाएगी।

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