Bhopal Transport Department: भोपाल में परिवहन विभाग ने यात्री वाहनों में मोटर व्हीकल ट्रेकिंग डिवाइस व पेनिक बटन (आपातकालीन बटन) लगाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। 1 अगस्त से यात्री वाहनों में यह उपकरण लगाने अनिवार्य होंगे। भोपाल स्थित कंट्रोल रूम से इन वाहनों की निगरानी की जा सकेगी। यात्री वाहनों में महिला सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि जो वाहन चालक इन उपकरणों को नहीं लगवाएंगे, उनको फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा। बता दें कि 31 दिसंबर 2018 तक रजिस्टर्ड सभी वाहनों में मोटर व्हीकल ट्रेकिंग डिवाइस व पेनिग बटन लगवाना अनिवार्य किया गया है। परिवहन विभाग की इस पहल से यात्रियों को लाभ मिलेगा।
मिली जानकारी के अनुसार इस नियम के तहत भोपाल में कंट्रोल कमांड सेंटर का निर्माण किया गया है। इसे बनाने के लिए 9.24 करोड़ केंद्र शासन के निर्भया फंड से मिले हैं। 6.16 करोड़ रुपये राज्य शासन की ओर से दिए गए हैं। राजधानी भोपाल में कंट्रोल कमांड सेंटर बनाया गया है, जहां से यात्री वाहनों की निगरानी की जाएगी। इस सेंटर का डाटा पुलिस सहित अन्य एजेंसियों को साझा किया जा सकेगा। जिससे यात्री के पास फौरन मदद पहुंच सके। इसमें सबसे प्रमुख आपातकालीन बटन का उपयोग रहेगा। यदि किसी यात्री को वाहन में कोई परेशानी होती है तो बटन के दबाने पर सूचना भोपाल स्थित कंट्रोल कमांड सेंटर के पास पहुंच जाएगी। जिससे सी परेशानी में फंसी युवती की मदद की जाएगी।
जानकारी के लिए बता दें कि बस, टैक्सी, कैब में सुरक्षा के उपकरण लगाए जाएंगे। आकस्मिक स्थिति में भोपाल के कंट्रोल कमांड सेंटर को अलर्ट मिलेंगे। वाहन के रूट का भी अलर्ट मिलेगा। यदि वाहन निर्धारित रूट से अलग जाता है तो तुरन्त अलर्ट मिल जाएगा। व्हीकल ट्रेकिंग डिवाइस व पावर केबिल को हटाने पर कंट्रोल कमांड सेंटर में सूचना तुरन्त पहुंच जाएगी। वाहन का रिकार्ड ऑनलाइन संधारित किया जाएगा और यह तीन साल तक सुरक्षित रह सकेगा। वाहन मालिक भी अपनी गाड़ी का रियल टाइम लोकेशन ले सकेंगे।
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