Bisahulal Singh : 'ठाकुरों की महिलाएं' बयान पर घिरे बिसहूलाल, भोपाल में करणी सेना ने किया घेराव 

'Thakur women' remark by Bisahulal Singh: गत बुधवार को बिसहूलाल सिंह ने विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि 'उच्च जातियों की महिलाओं को उनके घर से खींचकर बाहर निकालने की जरूरत है। महिला सशक्तिकरण और पुरुषों की बराबरी करने के लिए उनसे काम कराना चाहिए।'

Karni Sena gheraoed Minister Bisahulal Singh over his statement on 'Thakur women'
बिसहूलाल सिंह के बयान पर नाराज है करणी सेना।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • गत बुधवार को अनूपपुर जिले में बिसहूलाल सिंह ने दिया विवादित बयान
  • मंत्री ने कहा कि 'ठाकुरों की महिलाओं को घर से खींचकर बाहर निकालना चाहिए'
  • मंत्री के इस बयान पर नाराज है करणी सेना, भोपाल में सिंह का घेराव किया

भोपाल : 'ठाकुरों की महिलाएं' बयान पर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री बिसहूलाल सिंह के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। शनिवार को राजधानी भोपाल में करनी सेना ने उनका घेराव किया और उन्हें काले झंडे दिखाए। विवादित बयान के लिए करणी सेना के सदस्यों ने भाजपा कार्यालय के बाहर मंत्री से माफी मांगने की मांग की। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और करणी सेना के सदस्यों के बीच हाथापाई की नौबत तक आ गई। कार्यकर्ता एक दूसरे को धक्ता देते नजर आए। शुक्रवार को भी करणी सेना के सदस्यों ने मंत्री बिसहूलाल के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनका पुतला जलाया। 

बुधवार को दिया था विवादित बयान

गत बुधवार को सिंह ने विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि 'उच्च जातियों की महिलाओं को उनके घर से खींचकर बाहर निकालने की जरूरत है। महिला सशक्तिकरण और पुरुषों की बराबरी करने के लिए उनसे काम कराना चाहिए।' करणी सेना भोपाल जिले के अध्यक्ष कृष्णा बुंदेला ने कहा, 'मंत्री के विवादित बयान से राजपूत समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। मध्य प्रदेश के हमारे संगठन सचिव शैलेंद्र सिंह झाला ने सिंह के चेहरे पर कालिख पोतने का निर्देश दिया है।'

अनूपपुर जिले में सिंह ने क्या कहा

अनूपपुर जिले में महिलाओं के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा था, 'ठाकुर समुदाय जैसे उच्चजातियों के लोग अपनी महिलाओं को घरों में कैदकर रखते हैं, वे उन्हें बाहर निकलने नहीं देते जबकि गांवों में निम्न जाति की महिलाएं खेतों में और घरों में काम करती हैं। इसलिए ठाकुरों की महिलाओं को उनके घरों से निकालिए।' 

विवाद होने पर मंत्री ने माफी मांगी

अपने इस बयान का विरोध होने पर मंत्री सिंह ने माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि मेरे बयान से यदि किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं माफी मांगता हूं। मैंने यह बयान किसी समुदाय को अपमानित करने के लिए नहीं दिया। मेरे कहने का मतलब यह था कि सभी समुदाय की महिलाओं को समान रूप से सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेना चाहिए। लोगों ने मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया।  

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