1999 में कारगिल की लड़ाई किसने जीती। आप सोच रहे होंगे यह कैसा सवाल है और आज इसका मतलब क्या है। दरअसल मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा का नजरिया इस विषय पर थोड़ा सा अलग है। उनके मुताबिक बीजेपी हर जगह को कुटिल राजनीति कर ही रही है अब सेना को भी घसीटने का काम कर रही है। उन्होंने बताया थल, वायु, और नौसेना के पीछे भारतीय होने के मतलब को समझाया। लेकिन उनकी नजर में कारगिल की लड़ाई में जीत मुस्लिम सैनिकों की मदद से मिली।
'मुस्लिम सैनिकों की मदद से मिली कारगिल में जीत'
के के मिश्रा कहते हैं कि 1999 में तत्कालीन सेनाध्यक्ष ने मुस्लिम सैनिकों से कहा था कि वो अल्ला हूं अकबर के नारे लगाएं क्योंकि ऐसा करने से पाकिस्तान भ्रम का शिकार हो जाएगा। के के मिश्रा ने कहा कि आज हालात ये है कि बीजेपी हर एक चीज को खास चश्मे से देखती हैं, भारतीय सेना का हर एक फौजी संविधान की शपथ लेता है और उसकी हिफाजत के लिए अपने प्राण को कुर्बान करने के लिए तैयार रहता है। लेकिन दुख की बात यह है कि बीजेपी हर एक कामयाबी को सांप्रदायिक नजरिए से देखती है।
क्या कहते हैं आम लोग
कांग्रेस प्रवक्ता के बयान पर आम लोगों का कहना है कि यह बात सही है भारतीय फौज किसी खास रंग से नहीं रंगी है। लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता भी तो वही काम कर रहे हैं। एक तरफ वो बीजेपी को सांप्रदायिक बता रहे हैं तो दूसरी तरफ खुद को धर्मनिरपेक्ष साबित कर रहे हैं यह तो दोहरा मापदंड है। इसके साथ ही किसी को अधिकार नहीं होना चाहिए कि वो सेना की युद्ध नीति को इस तरह से सार्वजनिक करे।
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