Bhopal Cycle Distribution Scheme 2022: प्रदेश की शिवराज सरकार की सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढाने को लेकर शुरू की गई निशुल्क साइकिल वितरण योजना को अधिकारी डिले कर रहे हैं। योजना के पीछे सरकार की मंशा है कि दूर दराज खेतों व ढाणियों में रहने वाले विद्यार्थी आसानी से समय पर स्कूल पहुंच सकें। मगर, इस बार शिक्षा महकमे के अधिकारियों व ठेकेदार कंपनियों के बीच तनातनी के चलते करीब 3 महिने तक बेटियों को पैदल ही स्कूल की दूरी नापनी पड़ेगी।
इस वर्ष जुलाई से शुरू होने जा रहे नए शैक्षणिक सत्र से पूर्व बांटी जाने वाली साइकिलें अब अक्टूबर में दिए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। वो भी अगर समय पर टेंडर जारी किए गए तो। फिलहाल इस बार मानसूनी बारिश में गांवों में बसने वाली छात्राओं को पैदल ही स्कूल जाना पड़ेगा। इधर, मामले को लेकर शिक्षक संघ से जुड़े नेताओं के बयान आ रहे हैं कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों व साइकिल कंपनियों के बीच टेंडर में कमीशन की दरें फिक्स नहीं होना देरी का कारण है।
योजना के तहत सरकार ने अलग-अलग कैटेगरी तय की है जिसमें गांव से दो किमी की दूरी पर स्थित स्कूल जाने वाली बेटियों को छठी कक्षा में ही साइकिल दी जाती है। इसकी घोषणा सीएम शिवराजसिंह ने की थी। इसके अलावा अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ने वाली छात्राओं को उम्र के हिसाब से कम या ज्यादा ऊंचाई वाली निशुल्क साइकिलें दी जाती है। जिसमें कक्षा ६ की छात्राओं को दी जाने वाली साइकिल की ऊंचाई 18 इंच व 9वीं के लिए 20 इंच तय की गई है।
सीएम शिवराजसिंह की मंशा के अनुरूप इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए प्रदेश भर की बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए करीब दो सौ करोड़ का बजट रखा गया है। अब योजना में देरी हो रही है तो शिक्षा विभाग के अधिकारी कुछ इस तरह से तर्क दे रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने 200 करोड़ का बजट तो आवंटित कर दिया है। अमूमन बाजार में एक साइकिल की कीमत करीब साढे तीन हजार के करीब है। कोरोना काल के बाद एकाएक बढ़ी महंगाई के चलते इस बार साइकिलों की कीमत चार हजार तक जाने की संभावना है। जिसमें साइकिलों की खरीद में करीब ५ सौ का अंतर आना स्वाभाविक है। अधिकारी कहते हैं कि हाल ही में इसके लिए टेंडर जारी किए गए थे। अब एक माह से भी ज्यादा का समय लग जाएगा। इसके बाद की सारी प्रक्रियाएं पूरी करने में भी समय लगेगा। ऐसे में साइकिलों की आपूर्ति में करीब तीन से चार महीने लगेंगे। जिसके कारण अक्टूबर तक छात्राओं को साइकिलें मिल पाएंगी।
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