मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जो लोग सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सरकार करेगी। इस संबंध में सार्वजनिक और प्राइवेट नुकसान की रोकथाम और नुकसान की वसूली अधिनियम लाया जाएगा। पथराव करने वालों और सरकारी/निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से नुकसान की वसूली के लिए क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। घटना स्थल के हिसाब जुर्माने की रकम का आकलन किया जाएगा।
क्लेम ट्रिब्यूनल की रूपरेखा
इसमें सेवानिवृत्त डीजी स्तर के अधिकारी, सेवानिवृत्त आईजी स्तर के अधिकारी और सेवानिवृत्त सचिव शामिल होंगे। ट्रिब्यूनल के पास सिविल कोर्ट की शक्तियां होंगी। कलेक्टर ट्रिब्यूनल को सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान की जानकारी देंगे और मालिक खुद निजी संपत्तियों को हुए नुकसान की जानकारी देंगे।
भू-राजस्व संहिता जैसी होगी शक्ति
क्लेम ट्रिब्यूनल के पास भू-राजस्व संहिता के तहत उल्लिखित शक्तियां होंगी। एक माह के अंदर मामले का निस्तारण कर दिया जाएगा। किसी भी मामले की आगे अपील केवल उच्च न्यायालय में की जा सकती है। दंगाइयों, पथराव करने वालों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि विरोध करने के नाम पर हुंड़दंगई की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है। सरकार का स्पष्ट मत है कि नीतियों के विरोध में लोग अपनी बात रखें।लेकिन सरकार के विरोध के नाम पर संपत्ति का नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
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