Bhopal Omicron: दिल्ली, मुंबई के बाद मध्य प्रदेश में धीरे-धीरे कोरोना पैर पसार रहा है। इसी बीच कोरोना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। भोपाल एम्स की शोध में खुलासा हुआ है कि, मध्य प्रदेश में कोरोना ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट BA.2 मरीजों पर सबसे ज्यादा प्रभावी रहा है। 323 सैंपलों में से सबसे अधिक सैंपलों में ओमिक्रॉन का ये वेरिएंट पाया गया है। खास बात है कि, इस वेरिएंट के सिर्फ बच्चे ही नहीं एडल्ट लोग भी शिकार हैं। भोपाल एम्स के शोध के अनुसार, बच्चों में ये वेरिएंट बालिग लोगों के मुकाबले एक फीसदी कम ही मिला है।
गौरतलब है कि, इन 323 नमूनों में से 26 सैंपल 18 साल से कम उम्र के बच्चों के थे और बाकी सभी वयस्कों के थे। बच्चों के 26 सैंपल में से 25 सैंपल यानी 96.2 प्रतिशत में बीए.2 सब वेरिएंट मिला जबकि एक सैंपल में बी.1.1.1.529 मिला। सबसे बड़ी बात है कि, सिर्फ फरवरी के महीने में ही एक ये B.1.1.1.529 वेरिएंट रिपोर्ट किया गया था। वहीं फरवरी के महीने में अधिकांश BA.2 वेरिएंट ही, मिले जिनकी संख्या 25 सैंपलों में से 20 थी।
'वेरिएंट्स को पहचानने में लगी टीम'
बता दें कि, भोपाल एम्स में जनवरी से लेकर मार्च 2022 के बीच के जिन 323 कोविड पॉजिटिव मरीजों के सैंपलों की टेस्टिंग की गई है। ये सभी सैंपल भोपाल एम्स की लैब में मध्य प्रदेश राज्य आईडीएसपी की ओर से भेजे गए थे। भोपाल एम्स इंचार्ज डॉक्टर नितिन नागरकर का इस बारे में कहना है कि, सबसे पहले इन सैंपलों की आरटी पीसीआर जांच की गई, जिसके बाद इनकी जीनोम टेस्टिंग की जा रही है। हमारी टीम सभी वेरिएंट्स को पहचानने में लगी हुई है।
एडल्ट मरीजों के सैंपलों में हुई सब वेरिएंट की पुष्टि
बच्चों की तरह 297 एडल्ट मरीजों के सैंपलों में भी इसी सब वेरिएंट की पुष्टि की गई। वहीं बच्चों की तरह ही फरवरी के महीने में एडल्ट रोगियों में भी अधिकांश BA.2 वेरिएंट पाया गया। पिछले तीन महीनों में BA.2 वेरिएंट के अनुपात में भी लगातार बढ़ोतरी हुई है। जनवरी में इस वैरिएंट के मरीजों में हिस्सेदारी 79.2% थी, जो फरवरी में बढ़कर 93.8% हो गई और मार्च में 100 फीसदी ही पहुंच गई।
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