Cow Welfare Tax : गायों के कल्याण के लिए मध्य प्रदेश की जनता से टैक्स वसूलेगी शिवराज सरकार

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वह राज्य में गायों के कल्याण के लिए जनता से टैक्स लगाने पर विचार कर रहे हैं।

Shivraj government will collect tax from the people of Madhya Pradesh for the welfare of cows
गायों के कल्याण के लिए टैक्स लगाएंगे सीएम शिवराज  |  तस्वीर साभार: ANI

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि वह राज्य में गायों के कल्याण के लिए जनता से टैक्स के रूप में एक छोटी राशि एकत्र करने पर विचार कर रहे हैं। चौहान ने रविवार को अगार मालवा जिले के सलारिया गौ अभयारण्य में गोपाष्टमी पर जनता को संबोधित करते हुए कहा कि हम अपने भोजन का एक हिस्सा गायों और कुत्तों के लिए खाने से पहले रखते थे। अब, इस परंपरा का पालन केवल असाधारण मामलों में किया जाता है। इसलिए, मैं गायों के कल्याण के लिए जनता से टैक्स के रूप में एक छोटी राशि एकत्र करने पर विचार कर रहा हूं। सीएम चौहान ने उपस्थित लोगों से सवाल किया कि गौमाता के कल्याण के लिए और गौ शालाओं के ढंग से संचालन के लिए कुछ मामूली टैक्स लगाने के बारे में सोच रहा हूं, क्या यह ठीक है? लोगों ने इसका सकारात्मक उत्तर दिया।

उन्होंने यह भी घोषणा की कि आंगनवाड़ियों में बच्चों को गाय का दूध दिया जाएगा। सीएम शिवराज ने कहा कि गाय का दूध अमृत के समान होता है। हमने तय किया है कि आंगनवाड़ियों में बच्चों को गाय का दूध दिया जाएगा। आंगनवाड़ी में बच्चों को दिए जाने वाले आहार के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को अंडे के बजाय गाय का दूध, जो कि अमृत समान है, देने का निर्णय लिया गया है। इससे गायों और गौ पालन करने वालों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिस घरों में गाय पाली जाती हैं वहां हमेशा सकारात्मक ऊर्जा भरा होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि मूर्तियां और दीये अब गाय के गोबर से बनाए जा रहे हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल भी है।

चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार करीब 2,000 नए गायों के लिए आश्रय स्थल का निर्माण करेगी और गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) भी उनमें से कुछ का संचालन करेंगे। चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में करीब 7 लाख से 8 लाख आवारा मवेशी हैं। राज्य सरकार करीब 2,000 नए गौ आश्रमों का निर्माण करेगी।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौशाला संचालन के लिए एक कानून बनाया जाएगा और जिला कलेक्टरों को प्रत्येक गौशाला के संचालन के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 2,000 गौ शालाएं बनाई जाएंगी तथा इन्हें सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से संचालित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज को गायों की रक्षा में सरकार की मदद करनी चाहिए। पहले गायों के बिना कृषि असंभव थी, लेकिन ट्रेक्टरों ने खेती को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि गायों के दूध देना बंद करने पर लोग गायों को छोड़ देते हैं। इसलिए लाखों गाएं सड़कों पर भटक रही हैं। इन गायों को गौ अभयारण्य में आश्रय मिलेगा।

उन्होंने कहा कि गाय के गोबर के कई उपयोग होते हैं और यह पर्यावरण की रक्षा करने में सहायक होता है। लकड़ी के स्थान पर गौकाष्ट का उपयोग करने से पर्यावरण की रक्षा होगी और अच्छी वर्षा भी होगी। उन्होंने कहा कि हमें पर्यावरण को बचाना होगा। यूरिया और डीएपी खाद का उपयोग धरती के लिये धीमे जहर जैसा है। जबकि गोबर की खाद धरती के लिए अमृत की तरह काम करता है। यदि रासायनिक उर्वरकों का उपयोग लंबे समय तक किया जाता है तो भूमि में गेंहूं की फसल का उत्पादन नहीं होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौमूत्र से बनी दवा कई बीमारियों को ठीक कर सकती है। ऐसी कई दवाईयां गौ अभयारण्यों में बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी दवाईयां तो बीमारी ज्यादा लाती हैं।इसलिये कोई ये ना सोचे की गाय बेकार हैं। गाय बचेगी तो ये धरती बचेगी। ये याद रखना।

इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री ने भोपाल में अपने निवास पर ऑनलाइन माध्यम से प्रदेश की नवगठित गौ कैबिनेट की बैठक की। इसमें गौ आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए और आगर मालवा में स्थित गौ अभयारण्य में गौ उत्पादों के निर्माण के लिए एक अनुसंधान केन्द्र स्थापित करने का फैसला लिया गया।

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