Bhopal Railway Digitization: भोपाल में अब रेल हादसों पर पूरी तरह से लगाम लग सकेगी। पश्चिम मध्य रेलवे अब डिजिटल तरीके से भोपाल मंडल के रेलवे ट्रैक की निगरानी करेगा। इसकी शुरुआत भोपाल से होने जा रही है। डिजिटल इंडिया की ओर भारतीय रेलवे का यह बड़ा कदम है। अब रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी डिजिटली ही ये पता लगा सकेंगे कि किस रेल इंजन, कोच या पटरी में कहां गड़बड़ है। इतना ही नहीं गड़बड़ी होने पर यह सिस्टम खुद-ब-खुद अलार्म भी बजाएगा। जिससे समय रहते ही उसे सुधारा जा सकेगा।
ऐसे में पलभर में ही ट्रेन की गड़बड़ियां पता चल सकेंगी। मना जा रहा है कि इस सिस्टम से ट्रेनों की गति भी बढ़ सकेगी। इस तरह से दिन पर दिन भारतीय रेलवे विकास की गति पकड़ेगा। इसके साथ ही रेलवे का डिजिटलीकरण भी तेजी के साथ होगा।
रेलवे अब डिजिटल तरीके से रोलिंग स्टॉक की निगरानी करेगा। यह ऑटोमेशन और उच्च तकनीक है, जो बेहद विश्वसनीयता वाली है। पश्चिमी मध्य रेलवे इस ऑनलाइन मॉनिटरिंग रोलिंग स्टाफ सिस्टम के माध्यम से ये भी पता लगा सकता है कि ट्रेन के पहियों का पटरी पर कितना दबाव है। कहीं वे सपाट तो नहीं हो गए या फिर कहीं पटरियों में तो कोई खराबी तो नहीं है। जिससे पटरी पर पहियों का दबाव सही बनाया जा सकता है। पहियों का दबाव कम होने की स्थिति में सिस्टम अपने आप रेलवे को इसकी सूचना दे सकेगा। इसे मापने के लिए एक्सेलेरोमीटर डिवाइस लगाए गए हैं।
इस डिजिटल रोलिंग स्टॉक सिस्टम की एक खासियत ये भी है कि यह पश्चिम मध्य रेलवे के सभी कंपोनेंट्स का सारा डाटा हर दिन डिजिटल उपलब्ध करवाएगा। इसके माध्यम से सौ से ज्यादा मानकों की रिपोर्ट निकाली जा सकती है। साथ ही निरीक्षण और मेंटेनेंस अलर्ट भी मिल जाता है। शुरुआती तौर में भोपाल मंडल में इटारसी, पावरखेड़ा, कुरवाई केथोरा और बीना में इस डिजिटल सिस्टम को लगाया गया है। ऐसे में यहां के ट्रैक अब डिजिटल हो गए हैं। जबलपुर मंडल के कुछ ट्रैकों को भी डिजिटल किया गया है। डिजिटल इंडिया के तहत किए जा रहे, इस कार्य से कई रेल हादसे रोके जा सकेंगे।
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