Bhopal News: भोपाल से तिरुअनंतपुरम, बेंगलुरू, चेन्नई समेत दूरदराज के स्टेशनों की यात्रा का समय कम करने की रेलवे की ओर से तैयारी चल रही है। ये काम क्रमवार तरीके से होगा। अक्टूबर के पहले सप्ताह से इसकी शुरुआत की जाएगी। बता दें कि पहले चरण में अधिकतम 3 घंटे और कम से कम 1:15 घंटे का यात्रा समय कम करने की तैयारी है। इसके लिए ट्रेनों की रफ्तार को 130 से बढ़ाकर 160 किमी प्रति घंटे तक करने की योजना है।
वहीं, दिसंबर के महीने में दूसरे चरण की शुरुआत की जाएगी। इसमें कम से कम 1 घंटे और अधिकतम 2:30 घंटे का यात्रा समय और कम हो जाएगा। इसके लिए ट्रेनों को 20 किमी प्रति घंटे की स्पीड को बढ़ाकर 180 तक कर दिया जाएगा। बता दें कि इस पूरे काम के लिए रेलवे की ओर से स्पीड पावर यूनिट बनाई जा रही है। रेलवे ने ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाकर यात्रा समय कम करने से लेकर विभिन्न कार्यों की मॉनिटरिंग और तकनीकी सुधार के लिए स्पीड पावर यूनिट को इन्हें सौंपने का फैसला किया है।
यह यूनिट अलग-अलग चरणों में ट्रेनों की रफ्तार को बढ़ाने के लिए तकनीक के साथ ही ग्राउंड वर्क करेगी। बता दें कि यात्रा समय कम कराने में रेल मंडलों को भी सपोर्ट किया जाएगा। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि जल्द ही जोन और मंडल स्तर पर यह यूनिट टीम बना दी जाएगी। रेलवे की ओर से बनाई गई यूनिट इस बात पर सबसे पहले ध्यान देगी कि ट्रेनों को एक के पीछे एक रवाना करने के लिए लगातार ग्रीन सिग्नल देने होंगे। यानी जहां पर अब भी सिग्नलों को अपग्रेड नहीं किया जा सका है, वह जल्द से जल्द कर लिया जाए। इससे ट्रेनों को एक-दूसरे के आधा किमी तक पीछे चलाने में सहायता मिल सकेगी।
जानकारी के लिए बता दें कि ट्रेनों को आउटर पर खड़ा न करना पड़े और उनकी एंट्री ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम के जरिए खाली रहने वाले प्लेटफॉर्म पर की जा सके, इसपर काम किया जाएगा। इसके लिए इंटर मीडिएट सिग्नल ब्लॉक सिस्टम (आईबीएस) को अपडेट कर फिर से इसे शुरू करने की तैयारी है। बता दें कि इस पूरी कवायद के पीछे रेल मंत्रालय की सोच यह है कि देश के एक से दूसरे कोने तक के सफर को अधिकतम 30 घंटे में पूरा कर लिया जाए।
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