वैदिक विद्वान और पद्म भूषण से सम्मानित डॉ. डेविड फ्रॉली ने गुरुवार को कहा कि 2020 का अंतरराष्ट्रीय मैजेस स्पष्ट है कि अच्छा होगा कि दुनिया को चीन के बदले भारत की ओर देखना चाहिए। इस देश में निवेश करना चाहिए और इसकी धर्मनिष्ठ सभ्यता का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने उन लोगों और कंपनियों पर भी निशाना साधा जो चीन में निवेश करने या इसके 'आक्रामक कम्युनिस्ट साम्राज्यवादी एजेंडे' की अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2020 का अंतरराष्ट्रीय मैजेस स्पष्ट है कि बेहतर होगा कि चीन में निवेश करने और चीन का अनुसरण करने के बदले दुनिया भारत का अनुसरण करे, भारत में निवेश करे और भारत की धर्मनिष्ठ सभ्यता का सम्मान करे।
यह पहली बार नहीं है जब डेविड फ्रॉली ने पड़ोस के देशों के प्रति अपनी आक्रामकता और व्यवहार के लिए चीन पर निशाना साधा। लद्दाख की गैलवान घाटी में एलएसी पर तनाव के बाद, विद्वान ने लिखा था कि चीन लंबे समय से अपने प्राचीन धर्म से विचलित है और अभी भी कम्युनिस्ट भ्रम का जहर फैला रहा है। चीन को अपनी वास्तविक आध्यात्मिक विरासत के मामले में भारत को अपने सच्चे गुरु के रूप में सम्मानित करना चाहिए।
भारत में निवेश के अवसरों पर डेविड फ्रॉली का संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस राष्ट्र के संबोधन के ठीक एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत के प्रति 'वैश्विक आशावाद' है क्योंकि यह 'खुलापन, अवसर और विकल्प' का कॉम्बिनेशन प्रदान करता है।
बुधवार को यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल द्वारा आयोजित इंडिया आइडियाज समिट में भाषण देते हुए, पीएम मोदी ने टैक्नोलॉजी, कृषि, हेल्थ, वित्त और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी कंपनियों से निवेश आमंत्रित किया। बिल्डिंग ए बेटर फ्यूचर विषय पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि दुनिया में गरीबों के आसपास केंद्रित विकास के एजेंडे के साथ अधिक मानव-केंद्रित दृष्टिकोण होना चाहिए। पीएम ने घरेलू आर्थिक क्षमताओं को बढ़ाकर बाहरी झटके के खिलाफ लचीलापन बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।
पीएम ने बताया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले 6 वर्षों में अधिक ओपन हुई है और काफी सुधार की गई।, जिससे प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता, डिजिटलीकरण, इनोवेशन और पॉलिसी स्थिरीकरण में वृद्धि हुई।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।