कोराना वायरस का कहर, 40% यात्रा और पर्यटन कंपनियां पर लटकी तलवार

बिजनेस
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Updated May 25, 2020 | 17:36 IST

कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था में भूचाल ला दिया है। 81 प्रतिशत यात्रा और पर्यटन कंपनियों की कमाई पूरी तरह खत्म हो गई है।

40 percent travel, tourism companies expected to close in 3-6 months: report
भारत के पर्यटन उद्योग पर बुरा असर 
मुख्य बातें
  • कोराना वायरस महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों औद्योगिक सर्वें रिपोर्ट तैयार की गई है
  • यात्रा, पर्यटन क्षेत्रों में 36 प्रतिशत कंपनियां अस्थाई रूप से बंद हो सकती हैं
  • 81 प्रतिशत यात्रा और पर्यटन कंपनियों की पूरी कमाई बंद हो गई है

मुंबई : घरेलू विमानन सेवाओं को करीब दो महीने बाद दोबारा शुरू किए जाने के बावजूद एक औद्योगिक सर्वें रिपोर्ट में कहा गया है कि कोराना वायरस महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए यात्रा और पर्यटन क्षेत्र की करीब 40 प्रतिशत कंपनियों के अगले तीन से छह महीने तक खुलने की उम्मीद नहीं है। गौरतलब है कि सरकार ने संक्रमण की रोक थाम के लिए लागू पाबंदियों में ढ़ील देनी शुरू की है और सोमवार से घरेलू मार्गों पर उड़ने फिर शुरू हो गई है।

81 प्रतिशत पर्यटन कंपनियों की कमाई पूरी तरह बंद
बीओटीटी ट्रेवल सेंटिमेंट ट्रैकर ने सात राष्ट्रीय संघों आईओटीओ, टीएएआई, आईसीपीबी, एडीटीओआई, ओटीओएआई, एटीओएआई और एसआईटीई के साथ मिलकर तैयार की है। इसके अनुसार इन क्षेत्रों में 36 प्रतिशत कंपनियां अस्थाई रूप से बंद हो सकती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 81 प्रतिशत यात्रा और पर्यटन कंपनियों की पूरी कमाई बंद हो गई है, जबकि 15 प्रतिशत कंपनियों की कमाई 75 प्रतिशत तक घट गई है।

40 प्रतिशत कंपनियों होंगी बंद
बीओटीटी ट्रैवल सेंटीमेंट ट्रैकर सर्वेक्षण ने 10 दिनों में 2,300 से अधिक यात्रा और पर्यटन कारोबारियों तथा कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन रायशुमारी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के चलते यात्रा और पर्यटन क्षेत्र बूरी तरह प्रभावित हुआ है। तीन से छह महीनों के दौरान 40 प्रतिशत कंपनियों के ऊपर पूरी तरह बंद होने और 35.7 प्रतिशत अन्य कंपनियां अस्थायी रूप से अपना परिचालन बंद कर सकती हैं।

 कर्मचारियों की संख्या  38.6 प्रतिशत की कटौती
सर्वेक्षण के मुताबिक करीब 38.6 फीसदी यात्रा कंपनियां ने कहा कि वे कर्मचारियों की संख्या घटाने जा रही है। इसके अलावा अन्य 37.6 फीसदी कंपनियाो का भी कहना है कि वे कर्मचारियों को नौकरी से हटाने पर विचार कर सकती हैं। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष ज्योति मयाल ने कहा कि यह एक अभूतपूर्व स्थिति है और सरकार को हजारों कंपनियों के अस्तित्व के लिए कुछ राहत देनी चाहिए। यात्रा और पर्यटन कंपनियों ने उम्मीद जताई है कि सरकार तुरंत एक पर्यटन राहत कोष बनाएगी। इसके अलावा उन्होंने जीएसटी में कमी और कर्ज की किस्तें चुकाने में 12 महीने की मोहलत जैसी मांगें भी की हैं।

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