Masala King death : 5वीं पास धर्मपाल गुलाटी ने तांगे पर मसाला बेचकर खड़ी की अरबों की कंपनी एमडीएच

अपने मसालों और काम के लिए दुनिया भर में पहचान बनाने वाले एमडीएच वाले दादा जी इस दुनिया में नहीं रहे। एफएमसीजी सेक्टर के सबसे ज्यादा तनख्वाह वाले सीईओ में शामिल थे धर्मपाल गुलाटी।

5th class pass Dharampal Gulati built masala company MDH by selling spices on tanga
मसाला किंग धर्मपाल गुलाटी का निधन  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • धर्मपाल गुलाटी 1919 में शुरू हुई थी मसालों की कंपनी एमडीएच
  • धर्मपाल गुलाटी हिंदुस्तान के सबसे ज्यादा तनख्वाह वाले सीईओ थे
  • अपनी तनख्वाह का 90% हिस्सा दान करते थे

98 साल के धर्मपाल गुलाटी ने पिछले साल 21 करोड़ रुपयों की कमाई की थी। यह उनके काम करने के जज्बे को दिखाता है। उनकी कंपनी महाशियन दी हट्टी जिससे लोग एमडीएच के नाम से जानते हैं पूरी दुनिया में लोकप्रिय है। यह धर्मपाल गुलाटी के मेहनत का नतीजा है कि वह इंडिया के हाईएस्ट पेड कंज्यूमर प्रोडक्ट के सीईओ हैं। हमारी पिछली पीढ़ी और हम उन्हें असली मसाले सच सच एमडीएच के विज्ञापन से जानते हैं जो हमारे जुबान पर रटा जा चुका है। 

सुबह इस खबर ने हैरान कर दिया कि 98 वर्ष के धर्मपाल गुलाटी जिन्हें हम मसालों के राजा के नाम से जानते हैं उनका देहांत हो गया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, धर्मपाल गुलाटी पिछले तीन हफ्तों से दिल्ली के हॉस्पिटल में अपना ट्रीटमेंट करवा रहे थे। आज सुबह 5:30 बजे उन्होंने अपनी आखिरी सांसें ली। उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई है।

FMCG सेक्टर के सबसे ज्यादा कमाने वाले सीईओ थे गुलाटी जी 

इस सेक्टर के बाकी नामी सीईओ की बात करें तो गुलाटी जी 21 करोड़ के साथ सबसे ज्यादा कमाने वाले सीईओ थे। उन्होंने अपने मुकाबले गोदरेज कंस्यूमर के सीईओ आदी गोदरेज और विवेक गंभीर, हिंदुस्तान यूनिलीवर के संजीव मेहता, आईटीसी के वाईसी देवेश्वर और कई नामी सीईओ को पछाड़ दिया है। उनकी कंपनी महाशियन दी हट्टी ने पिछले वित्तीय वर्ष में 15% के उछाल के साथ 924 करोड़ों रुपयों की कमाई की जिसमें 24% की बढ़त के साथ उन्हें शुद्ध 213 करोड़ों रुपयों का मुनाफा कमाया। आज पूरी दुनिया महाशय धरमपाल गुलाटी को एमडीएच अंकल, दादा जी, मसाला किंग और किंग ऑफ स्पाइसेज के नाम से जानती है। 

पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था जन्म

गुलाटी जी का जन्म पाकिस्तान के सियालकोट में 1919 में हुआ था। सियालकोट में उनके पिता की एक छोटी सी दुकान थी, 1947 के विभाजन के दौरान उनको अपना घर और दुकान सब छोड़कर भारत आना पड़ा। उन्होंने दिल्ली में अपना आशियाना बनाया और 1953 में उन्होंने दिल्ली के चांदनी चौक में एक दुकान भाड़े पर ले लिया। दुकान से उन्होंने अपने मसाले का कारोबार शुरू किया जिसका नाम उन्होंने महाशियन दी हट्टी रखा था। आज छोटी सी दुकान से वह इतने बड़े कंपनी के मालिक बन गए थे। 

बहुत लोग इस बात से अनजान है कि गुलाटी जी सिर्फ 5वीं कक्षा तक पढ़े हैं उसके बावजूद उन्होंने अपने मेहनत और लगन के बलबूते पर इतनी बड़ी कंपनी को खड़ा कर दिया है। अपनी दुकान चलाने के लिए वह छुट्टी के दिन भी कारखानों, दुकानों और डीलर्स के चक्कर लगाया करते थे सिर्फ यह देखने कि उनका काम ठीक से हो रहा है या नहीं।

सीईओ के साथ-साथ एक समाजसेवी भी थे गुलाटी जी 

गुलाटी जी हमेशा इस बात पर जोर दिया करते थे कि अपनी मेहनत की कमाई में से कुछ हिस्सा जरूरतमंदों को जरूर देनी चाहिए। इसी बात पर अमल करते हुए वह अपने तनख्वाह का 90% हिस्सा चैरिटी फंड में डोनेट कर दिया करते थे। गुलाटी जी के पिता के नाम पर एक चैरिटी ट्रस्ट भी चलता है जिसमें गरीबों के लिए ढाई सौ बेड का अस्पताल और चार स्कूल चलाए जाते हैं। हाल ही में धर्मपाल गुलाटी ने कोरोना वायरस से लड़ रहे कर्म वीरों के लिए पीपी किट और अघोषित राशि दिल्ली सीएम राहत कोष में दान किया था। 28 अप्रैल को मनीष सिसोदिया ने अपने ट्विटर से यह खबर शेयर की थी कि धर्मपाल गुलाटी जी ने 7,500 दान किए थे।

एमडीएच की शुरुआत

धर्मपाल गुलाटी का जन्म और पालन-पोषण पाकिस्तान में ही हुआ था। महाशियन दी हट्टी साल 1919 में धर्मपाल गुलाटी के पिता चुन्नीलाल द्वारा खोला गया था। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद जब धर्मपाल गुलाटी अपने पूरे परिवार के साथ हिंदुस्तान आए तब वह अमृतसर में शरणार्थी के रूप में रहने लगे थे। हालांकि, काम के चक्कर में धर्मपाल गुलाटी अपने बहनोई के साथ दिल्ली चले आए वहां आकर उन्होंने एक तांगा खरीदा और उस पर अपने मसाले रख कर बेचने लगे। लेकिन जब उन्हें लगा कि इस तरह से काम नहीं चलेगा तब उन्होंने दिल्ली में एक दुकान खोलने का फैसला किया।

आज यह कंपनी केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के देशों में मसालों का एक्सपोर्ट करती है। ऐसे तो एमडीएच तकरीबन 60 प्रोडक्ट बेचती है लेकिन उसके तीन सबसे ज्यादा बिकने वाले प्रोडक्ट एमडीएच देगी मिर्च चाट मसाला और चना मसाला है जिसके प्रत्येक महीने लगभग एक करोड़ पैकेट बिक जाते हैं। साल 2019 में धर्मपाल गुलाटी का नाम उन 112 विशिष्ट लोगों में शामिल था जिन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें उनके काम के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार मिला था।

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