होटल, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में 75% नौकरियां खतरे में, 5 करोड़ लोगों के सामने रोजगार का बड़ा संकट

बिजनेस
आईएएनएस
Updated Aug 04, 2020 | 09:43 IST

Jobs in danger in Hotel : होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट केबी कचरू ने कहा कि स्थिति वास्तव में बेहद गंभीर है। 5 करोड़ लोगों के सामने रोजगार का बड़ा संकट खड़ा है। 

75 percent jobs in Hotel, Hospitality sector in danger, 5 crore people face huge employment crisis
होटल सेक्टर में भारी छटनी  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • अस्थाई और ठेके पर काम करने वालों की छुट्टी तो पहले ही हो चुकी है
  • छंटनी की प्रक्रिया लगातार जारी है
  • जिनकी नौकरियां बची हुई हैं, उन्हें 20 से 50% तक वेतन कटौती का सामना करना पड़ रहा है

Jobs in danger in Hotel, hospitality sector : कोरोना काल में बुरी तरह प्रभावित होटल व हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में करीब 75 फीसदी कर्मचारियों की नौकरियों पर तलवार लटकी हुई है। ये होटलों के स्थाई कर्मचारी हैं, जबकि अस्थाई व ठेके पर काम करने वालों की छुट्टी तो पहले ही हो चुकी है। उद्योग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, छंटनी की प्रक्रिया लगातार जारी है और जिनकी नौकरियां बची हुई हैं, उनको 20 से 50 फीसदी तक वेतन कटौती का सामना करना पड़ रहा है। होटल कारोबार के जानकार बताते हैं कि होटल व हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के हालात काफी खराब हैं और इसमें अगले दो महीनों में सुधार नहीं आया तो 60 से 75 फीसदी तक कर्मचारियों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ सकती है।

होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट केबी कचरू से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि स्थिति वास्तव में बेहद गंभीर है और इस सेक्टर में काम करने वाले करीब पांच करोड़ लोगों के सामने रोजगार का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने स्वीकार किया कि अगले महीने-दो महीने में हालात में सुधार नहीं आया तो 60 फीसदी तक लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। कचरू ने बताया कि चाहे फाइव स्टार होटल हों, बजट होटल, सभी की वित्तीय स्थिति खराब है, इसलिए होटल कर्मचारियों के लिए रोजगार का संकट बना हुआ है।

जानकार सूत्र बताते हैं कि 30-40 फीसदी तक छंटनी हो चुकी है। कारोबारी बताते हैं कि छंटनी में कुछ ऐसे भी कर्मचारी हैं, जिनको लीव विदाउट पे पर चले जाने को कहा गया है। वहीं, कारोबार की रिस्ट्रक्च रिंग की की गई है। जहां तक वेतन कटौती का सवाल है तो सीनियर मैनेजमेंट लेवल के अधिकारी 50 फीसदी तक अपना वेतन कटाने लगे हैं।

ट्रैवल, टूरिज्म व हॉस्पिैलिटी सेक्टर के विशेषज्ञ रोहित कौल कहते हैं कि यह एक ऐसा सेक्टर है जिस पर एक दिन का भी असर काफी मायने रखता है, क्योंकि एक दिन किसी वजह से काम नहीं होने या बंद होने से अप्रत्यक्ष रूप से इस सेक्टर में रोजी-रोटी कमाने वालों की आमदनी रुक जाती है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अप्रत्यक्ष रूप से इस सेक्टर से जुड़े लोग तो बहुत पहले ही बेरोजगार हो चुके हैं और अब जो प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं, यानी स्थाई कर्मचारी हैं, उनकी भी छंटनी शुरू हो चुकी है।

आईटीसी के पूर्व सीईओ और उद्योग संगठन सीआईआई के टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी नेशनल कमेटी के सलाहकार दीपक हक्सर ने कहा कि इस सेक्टर में काम करने वाले 2.5 करोड़ लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। उन्होंने दिल्ली में होटल नहीं खुलने पर हैरानी जताते हुए कहा कि जब कोई सेक्टर बदहाली के दौर से गुजर रहा हो तो उसे पटरी पर लाने की कोशिशें की जानी चाहिए और इस समय होटल व हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को बचाने के लिए सबसे पहले उसे खोलने की जरूरत है, क्योंकि होटल खुलेंगे तभी वहां लोग आएंगे और वहां काम करने वालों की नौकरियां बची रहेंगी। हक्सर ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 31 जुलाई को लिखे पत्र में उन्होंने होटल को हॉस्पिटल से डिलिंक करने के लिए आभार जताते हुए कहा है कि देश की राजधानी होने के कारण पर्यटन के संवर्धन में इसकी विशेष भूमिका है। यहां बिजनेस के सिलसिले में आने वाले यात्रियों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल और ग्लोबल लीडर्स आते हैं। उन्होंने पत्र में उद्योग की विभिन्न मांगों के साथ-साथ मुख्यंत्री से होटल को खोलने की भी मांग की।

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