7th Pay Commission: 1 अप्रैल से लागू होगा नया वेज कोड, सैलरी, भत्ते, पीएफ, ग्रैच्युटी में होगा ये बदलाव

सरकार श्रम कानून में सुधार करने जा रही है। यह 1 अप्रैल 2021 से लागू होगा। नए वेज कोड लागू होने के बाद सैलरी, भत्ते पीएफ, ग्रैच्युटी में बदलाव होगा।  

7th Pay Commission: new wedge code from April 1, to be change in salary, allowances, PF, gratuity
नया श्रम कानून लागू होने से आपकी सैलरी में होगा बदलाव  |  तस्वीर साभार: BCCL

भारत सरकार ने समय के हिसाब से केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे में सुधार के लिए वेतन आयोग बनाया है। यह वेतन आयोग कर्मचारियों के भत्ते, वेतन और अन्य लाभों में महंगाई के अनुसार बढ़ोतरी करता रहता है। इसका लाभ देश भर में लाखों सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को होता है। देश की आजादी के बाद से, सभी नागरिक और सैन्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे में सुधार की जांच करने और सुझाव देने के लिए अब तक 7 वेतन आयोगों की स्थापना की गई हैं। हलांकि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर कर्मचारियों को मिश्रित अनुभव है। केंद्र सरकार 1 अप्रैल, 2021 से नया वेज कोड लागू होने वाला है। सर्वे के मुताबकि इसके बाद आपके भविष्य निधि (पीएफ) योगदान में वृद्धि होगी, लेकिन आपकी टेक एट होम सैलरी कम हो जाएगी। 
केंद्र सरकार 1 अप्रैल, 2021 को न्यू-वेज कोड बिल पेश करने के लिए कमर कस रही है।

एक अप्रैल से सैलरी में बदलाव

सरकार अब नया वेज कोड लागू करने के लिए कमर कस चुकी है। जब नया श्रम कानून (New Labour Law) प्रभावी होगा, तो वेतन का नया ढ़ाचा सामने आएगा। सूत्रों के मुताबिक पीएफ, ग्रेच्युटी, महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता और हाउस रेंट अलाउंस समायोजित किए जाएंगे। सरकारी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन की सिफारिश की गई है।  सरकारी कर्मचारी के लिए न्यूनतम वेतन 7000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए प्रति माह हो जाएगा। कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक सैलरी उनके कुल CTC का कम से कम 50% होगा, इसका मतलब है कि उनका मासिक भत्ता उनके कुल CTC के 50% से अधिक नहीं होगा। यह नया नियम प्राइवेट सेक्टर के वेतनमान पर भी लागू होगा। अप्रैल से, अधिकांश प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को अपने टेक होम सैलरी में कमी देखने को मिल सकती है।

कर्मचारियों के भत्ते में बदलाव

कर्मचारियों के भत्ते जैसे महंगाई भत्ता (DA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA), यात्रा भत्ता (TA) और अन्य भत्ते को न्यू-वेज कोड बिल 2021 के तहत नेट सीटीसी के 50% से अधिक नहीं होने दिया जाएगा। अगर आपकी सीटीसी (कॉस्ट टू कंपनी) 50,000 रुपए है, तो आपका कुल भत्ता 25,000 रुपए से अधिक नहीं होगा। कैबिनेट ने सभी 196 भत्तों की जांच की और 37 को बनाए रखते हुए उनमें से 51 को बाहर करने का फैसला लिया।

पीएफ योगदान में बदलाव

मौजूदा नियमों के अनुसार अभी न्यूनतम वेतन का 12% पीएफ में जमा होता है। लेकिन नया लेबर लॉ लागू होने के बाद पीएफ में आवंटन तब बढ़ेगा जब बेसिक सैलरी सीटीसी का 50% तक पहुंच जाएगा। उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति को 40,000 रुपए का मासिक सीटीसी मिलता है तो बेसिक सैलरी 20,000 रुपए है और पीएफ खाता में 2400 रुपए है। न्यू-वेज कोड बिल 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी होने पर कर्मचारियों के मासिक पीएफ योगदान को अपडेट किया जाएगा। यह याद रखना चाहिए कि किसी कर्मचारी के पीएफ योगदान को उनकी बेसिक सैलरी प्लस महंगाई भत्ते (डीए) का उपयोग करके मापा जाता है। वेतन संहिता (Wage Code) ग्रेच्युटी भुगतान और नियोक्ताओं द्वारा उनके रिटायरमेंट फंड में योगदान में वृद्धि का कारण बनेगी। चूंकि मासिक पीएफ और ग्रेच्युटी का योगदान मासिक बेसिक सैलरी प्लस डीए पर आधारित है, एक बार न्यू-वेज कोड लागू होने के बाद, किसी का मासिक पीएफ और ग्रेच्युटी एडजस्ट हो जाएगा। क्योंकि नई मजदूरी कानून (New Wage Act) के कार्यान्वयन के बाद डीए और बेसिक सैलरी समायोजित हो जाएगा, पीएफ और ग्रेच्युटी योगदान भी बदल जाएगा।

ग्रेच्युटी में बदलाव

नए श्रम सुधारों ने नए ग्रेच्युटी नियम भी बनाए। वर्तमान में किसी कंपनी में लगातार 5 साल काम करने के बाद ही ग्रेच्युटी मिलती है, लेकिन नए कानून के तहत, कर्मचारी केवल 1 साल काम करने के बाद ग्रेच्युटी के हकदार होंगे।

महंगाई भत्ते में बदलाव

7 वें वेतन आयोग के गाइडलाइन्स के अनुसार, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए DA की वास्तविक दर 17% है। पिछले साल, केंद्र सरकार ने 4 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी थी, जिससे भत्ते की दर 21% हो गई। 

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