नई दिल्ली। एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने केंद्रीय बैंक द्वारा मौद्रिक सख्ती के साथ अप्रैल से महंगाई अनुमान से ज्यादा होने का हवाला देते हुए गुरुवार को 2022-23 के लिए भारत के विकास के अनुमान को कम कर दिया है। इसे 7.5 फीसदी के घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया। मनीला स्थित मल्टीनेशनल फंडिंग एजेंसी ने भारत के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को भी बढ़ा दिया। इसे वित्त वर्ष 2023 के लिए पहले के 5.8 फीसदी से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया।
कंज्यूमर विश्वास में सुधार जारी
अपने नवीनतम एशियाई विकास आउटलुक (ADO) सप्लीमेंट में एडीबी ने कहा कि, 'कंज्यूमर विश्वास में सुधार जारी है। उम्मीद से ज्यादा महंगाई ग्रोहकों की परचेजिंग पावर को कम कर सकती है।
पिछली तिमाही में इतनी बढ़ी थी भारत की अर्थव्यवस्था
उल्लेखनीय है कि जनवरी से मार्च की अवधि के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) 4.1 फीसदी बढ़ी थी, जो पिछली चार तिमाहियों में सबसे धीमी थी। रूस और यूक्रेन के संकट (Russia Ukraine War) की वजह से सप्लाई में व्यवधान और उच्च कमोडिटी एवं कच्चे तेल की कीमतें प्रभावित हुईं।
एशियन डेवलपमेंट बैंक के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) महंगाई को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत दरों में वृद्धि जारी रखता है।
एडीओ रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 में कोविड -19 महामारी के बाद से सर्विस सेक्टर वित्त वर्ष 2022 में अच्छा प्रदर्शन करेगा क्योंकि अर्थव्यवस्था खुल रही है और यात्रा फिर से शुरू हुई है।
अप्रैल में भारत में मुद्रास्फीति, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 7.8 फीसदी और मई में 7.0 फीसदी थी, जो आरबीआई के लक्ष्य (2 से 6 फीसदी) की ऊपरी सीमा से काफी ऊपर है। एडीबी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 5.0 फीसदी से बढ़ाकर 5.8 फीसदी कर दिया गया है।
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