मुंबई : कोरोना वायरस संकट काल में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार के साथ-साथ बैंक भी काफी प्रयास कर रहे हैं। लोगों को सस्ता लोन देने के लिए ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं। हाल ही में देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने ब्याज में कटौती की थी। भारतीय स्टेट बैंक ने अपने सभी ग्राहकों के लिए धन की सीमांत लागत पर आधारित ( MCLR) ब्याज की दर में 0.25% की कटौती की थी। अब सरकारी सेक्टर के बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपने सभी ग्राहकों के लिए MCLR ब्याज की दरों में कमी करने की बुधवार को घोषणा की। पिछले सप्ताह पीएनबी ने भी अपनी MCLR में 0.15% की कमी करने की घोषणा की थी।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने MCLR में 0.15% और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 0.10% की कमी की है। बैंक ऑफ बड़ौदा की कटौती 12 जून और यूनियन बैंक की 11 जून से प्रभावी होगी। बैंक ऑफ बडौदा की एक रिलीज के अनुसार एक वर्ष के कर्ज के लिए उसकी संशोधित MCLR 7.65% होगी। अभी यह 7.80% है। इसी तरह यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एक साल के कर्ज पर अपनी MCLR 7.70% से घटा कर 7.60% कर दी है। बैंक अपने ज्यादातर कर्जों पर ब्याज की दरें MCLR की एक वर्ष वाली दर के हिसाब से ही तय करते हैं।
रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत ब्याज दर में उत्तरोत्तर कमी और तरलता बढ़ाने के उपायों के बाद बैंकों के पास लोन के लिए धन सस्ता और सुलभ हुआ है। बैंक ग्राहकों के जमाधन पर भी ब्याज कम कर रहे हैं।
प्राइवेट सेक्टर के एचडीएफसी बैंक और सरकारी सेक्टर के बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी लोन की अपनी मानक दर में क्रमश: 0.05% और 0.20% की कमी की घोषणा की है। इनकी संशोधित दरें 8 जून से प्रभावी हो गई हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।