AGR case : एडजस्डेट ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले में सोमवार (20 जुलाई) को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि आप सभी अपना और हमारा समय और ऊर्जा बर्बाद कर रहे हैं, आप लोग किस तरह का एक्ससाइज कर रहे हैं। आप लोग अब इसके लिए क्यों बहस कर रहे हैं? हम दूरसंचार कंपनियों पर एग्जेप्लरी कॉस्ट लागू करेंगे। वोडाफोन आइडिया के वकील मुकुल रोहतगी ने हाथ जोड़कर अदालत से गुहार लगाई कि कृपया बाकी राशि का भुगतान करने के लिए 15 साल का समय दें। वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसने 14 साल में जो कमाया सब साफ गया।
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय जज की बेंच ने वोडाफोन आइडिया के वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि अगर आप दशकों से घाटे में चल रहे हैं, तो हम आप पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? आप एजीआर बकाया का भुगतान कैसे सुनिश्चित करेंगे?
दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी वोडाफोन आइडिया ने शनिवार को कहा था उसने एजीआर के कानूनी बकाए को लेकर सरकार को एक्स्ट्रा 1000 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। इस तरह कंपनी का अब तक का कुल भुगतान 7,854 करोड़ रुपए हो गया है। वोडाफोन आइडिया ने एक रेगुलेटरी सूचना में कहा कि कंपनी ने पहली तीन किश्तों में 6,854 करोड़ रुपए जमा किए थे। इसके साथ, कंपनी ने एजीआर बकाए को लेकर अब तक 7,854 करोड़ रुपए की कुल राशि का भुगतान किया है।
दूरसंचार कंपनियों के ऊपर करीब 1.6 लाख करोड़ रुपए का एजीआर बकाया है। इसमें वोडाफोन आइडिया के ऊपर कुल 58 हजार करोड़ रुपए का एजीआर बकाया है। दूरसंचार विभाग की गणना के हिसाब से वित्त वर्ष 2016-17 तक वोडाफोन आइडिया के ऊपर 58,254 करोड़ रुपए का एजीआर बकाया है। हालांकि कंपनी ने उसके ऊपर बकाया 46 हजार करोड़ रुपए है।
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