नई दिल्ली : एयर इंडिया को इस सप्ताह के अंत तक टाटा समूह को सौंपा जा सकता है, जिसके लिए 8 अक्टूबर, 2021 को अधिग्रहण प्रक्रिया को मंजूरी दी गई थी। इसके लिए 18,000 करोड़ रुपये की बोली टाटा संस की ओर से लगाई गई थी। एयर इंडिया इस समय केबिन क्रू मेंबर्स के बॉडी मास इंडेक्स (BMI) संबंधी एक आदेश को लेकर विवादों में है, पर क्रू मेंबर्स ने ऐतराज जताया है। उन्होंने इसे मानवीय संवेदनाओं से परे बताया है।
दरअसल, एयर इंडिया की एग्जक्यूटिव डायरेक्टर की ओर से 20 जनवरी को जारी आदेश में कहा गया है कि ग्रूमिंग एसोसिएट्स को उड़ान या स्टैंडबाय ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करते समय केबिन क्रू के BMI मैनेजमेंट/ग्रूमिंग/यूनिफॉर्म आदि को रिकॉर्ड करने का काम सौंपा गया है। साथ ही इसमें यह भी कहा गया कि यह यह सुनिश्चित करना केबिन सुपरवाइजर की जिम्मेदारी होगी कि चालक दल के सदस्य इस संबंध में जारी आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन करें।
इसमें कहा गया है कि क्रू मेंबर्स की BMI जांच एयरपोर्ट्स पर होगी। इस दिशा-निर्देश के बाद एयर इंडिया कर्मचारी संघ (AIEU) और ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन (AICCA) चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर को पत्र लिखकर इसे न केवल अमानवीय, बल्कि DGCA के नियमनों का भी उल्लंघन बताया है। इसमें कहा गया है कि गैर-मेडिकल पेशेवर 'ग्रूमिंग एसोसिएट्स' के द्वारा एयरपोर्ट्स पर होने वाली ऐसी जांच उनकी सेवा शर्तों और कोर्ट ऑर्डर्स का भी उल्लंघन करता है।
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क्रू यूनियन की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि वे BMI जांच का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह बीते 15 वर्षों से होता आ रहा है और उन्हें इसमें किसी तरह की समस्या नहीं है। लेकिन यह काम मेडिकल डॉक्टर्स के द्वारा और एयर इंडिया के क्लिनिक में होना चाहिए, जैसा कि अब तक यह होता रहा है। एयरपोर्ट्स पर उड़ान से ठीक पहले होने वाली इस तरह की जांच एयर इंडिया के क्रू मेंबर्स को अपमानित करने जैसा है। यह क्रू मेंबर्स पर मानसिक दबाव बढ़ाने वाला कदम है, जिसका असर उड़ान सुरक्षा पर भी हो सकता है।
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