एयरटेल पेमेंट्स बैंक को RBI से मिला शेड्यूल बैंक का दर्जा, जानें इससे क्या होगा फायदा

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Jan 05, 2022 | 11:07 IST

शेड्यूल बैंक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करते हैं। शेड्यूल बैंक आरबीआई से बैंक दर पर लोन ले सकते हैं। साथ ही खुद ही क्लियरिंग हाउस सदस्यस्ता प्राप्त कर लेते है।

Airtel Payments Bank gets schedule bank status from RBI know how it will benefit
एयरटेल पेमेंट्स बैंक को RBI से मिला शेड्यूल बैंक का दर्जा, जानें इससे क्या होगा फायदा (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • एयरटेल पेमेंट्स बैंक के यूजर्स की संख्या 11.5 करोड़ है।
  • आरबीआई ने एयरटेल पेमेंट्स बैंक को शेड्यूल बैंक का दर्जा दिया।
  • दिसंबर में पेटीएम पेमेंट्स बैंक को यह दर्जा मिला था।

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (Reserve Bank of India Act, 1934) की दूसरी अनुसूची में एयरटेल पेमेंट्स बैंक (Airtel Payments Bank) को शामिल करने की घोषणा की है। एयरटेल पेमेंट्स बैंक देश का सबसे तेजी से बढ़ने वाला डिजिटल बैंक है। इसके यूजर्स की संख्या 11.5 करोड़ है। सितंबर 2021 की तिमाही में एयरटेल पेमेंट्स बैंक को मुनाफा हुआ था। इस संदर्भ में एयरटेल पेमेंट्स बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) अनुव्रत बिस्वास ने कहा कि हम अनुसूचित बैंक का दर्जा देने के लिए रिजर्व बैंक के आभारी हैं।

शेड्यूल बैंक का दर्जा मिलने से क्या होगा?
शेड्यूल बैंक का दर्जा मिलने से एयरटेल पेमेंट्स बैंक अब निश्चित दर और परिवर्तनीय दर रेपो, और रिवर्स रेपो, सीमांत स्थायी सुविधा में भागीदारी कर सकता है। इतना ही नहीं, बैंक अब सरकार द्वारा संचालित फाइनेंशियल इंक्लूजन की योजनाओं में भागीदारी के लिए भी पात्र होगा।

केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI), आईसीआईसीआई (ICICI) और एचडीएफसी बैंकों (HDFC bank) की पहचान घरेलू सिस्टेमैटिकली महत्वपूर्ण बैंकों (D-SIBs) के रूप में जारी रहेगी।

डी-एसआईबी के लिए अतिरिक्त कॉमन इक्विटी टियर 1 (CET1) की आवश्यकता को 1 अप्रैल 2016 से चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया था और 1 अप्रैल 2019 से पूरी तरह से प्रभावी हो गया। आरबीआई ने 22 जुलाई 2014 को D-SIB से निपटने के लिए फ्रेमवर्क जारी किया था।

31 मार्च तक जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित है अपडेट 
आरबीआई ने 2015 और 2016 में एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक को डी-एसआईबी के रूप में घोषित किया था। 31 मार्च, 2017 तक बैंकों से एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर, एचडीएफसी बैंक को एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक के साथ डी-एसआईबी के रूप में भी वर्गीकृत किया गया था। मौजूदा अपडेट पिछले साल 31 मार्च तक बैंकों से जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित है।

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