नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फ्यूचर रिटेल (Future Retail) और अमेजन (Amazon) विवाद में याचिकाओं के एक बैच पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। शीर्ष अदालत तय करेगी कि क्या फ्यूचर रिटेल-रिलायंस सौदे (Future Retail-Reliance deal) को अनुमति दी जा सकती है, और क्या अमेजन की आपत्तियों को वैध माना जा सकता है क्योंकि अदालत ने माना कि इससे पहले उठाए गए कई मुद्दे समय बीतने के साथ व्यर्थ हो गए थे।
CJI के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि आपातकालीन मध्यस्थ के आदेश से उत्पन्न अपील अब व्यर्थ है क्योंकि एक उचित मध्यस्थ न्यायाधिकरण पहले ही स्थापित किया जा चुका है।
अमेजन के साथ विवाद में फ्यूचर ग्रुप को झटका, दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका
CJI जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की 3 जजों की बेंच यह भी तय करेगी कि क्या नए घटनाक्रमों को देखते हुए मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय में वापस भेजा जाएगा। मालूम हो कि शीर्ष अदालत ने 6 अगस्त 2021 को भारत में आपातकालीन मध्यस्थ के आदेश की वैधता को बरकरार रखा था।
सीसीआई ने निलंबित की अमेजन-फ्यूचर कूपन्स सौदे को दी मंजूरी
दिसंबर 2021 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने फ्यूचर कूपन्स के साथ ई-वाणिज्य क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन के सौदे को दी गई मंजूरी निलंबित कर दी। सीसीआई ने नवंबर 2019 में फ्यूचर कूपन्स में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए अमेजन के सौदे को मंजूरी दी थी। फ्यूचर रिटेल ने अपने रुख को दोहराया कि उसने अमेजन के साथ कोई मध्यस्थ समझौता नहीं किया है और किसी भी आदेश का उल्लंघन नहीं किया है।
क्या है मामला?
दरअसल साल 2020 में फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार को रिलायंस रिटेल द्वारा 24,713 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए ऐलान किया गया था। लेकिन 2019 में अमेजन ने 1500 करोड़ रुपये में फ्यूचर कूपन में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। अमेजन का कहना है कि अमेजन को 3 से 10 साल के भीतर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार मिला था और इसी आधार पर कंपनी ने डील पर ऐतराज जताया है।
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