नई दिल्ली। भारत में खाने- पीने के सामान से लेकर ईंधन तक, हर चीज की कीमत पिछले कुछ सालों में बढ़ी है। हालांकि जून में रिटेल महंगाई दर थोड़ी कम होकर 7.01 फीसदी रही, जो मई में 7.04 फीसदी के स्तर पर थी। लेकिन महंगाई से अब तक कोई बड़ी राहत नहीं मिली है। सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, अमेरिका में भी महंगाई के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। अमेरिका की मुद्रास्फीति पिछले 40 सालों के शीर्ष स्तर पर पहुंच गई है।
अमेरिका में चौंकाने वाले हैं महंगाई के आंकड़े
दरअसल ईंधन, खाने- पीने का सामान और घरों का किराया बढ़ने की वजह से पिछले महीने यानी जून 2022 में अमेरिका की मुद्रास्फीति बढ़कर चार दशक के शीर्ष स्तर पर पहुंच गई। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, जून 2022 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति या सीपीआई (CPI) एक साल पहले की तुलना में 9.1 फीसदी बढ़ गई। यह साल 1981 के बाद की सबसे अधिक मुद्रास्फीति वृद्धि है।
IIP And Inflation Data:आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर,औद्योगिक उत्पादन बढ़ा, महंगाई में भी थोड़ी राहत
अमेरिका में लगातार बढ़ रही है महंगाई
मई महीने में सालाना आधार पर मुद्रास्फीति 8.6 फीसदी बढ़ी थी और अप्रैल की तुलना में मई में मुद्रास्फीति एक फीसदी बढ़ी थी। मई की तुलना में जून में मासिक आधार पर महंगाई दर 1.3 फीसदी बढ़ी है। अमेरिका में जरूरी चीजों के दाम लगातार बढ़ोतरी से परिवारों की जीवनयापन लागत बढ़ गई है। कम आय और अश्वेत समुदाय पर इसकी मार ज्यादा देखने को मिल रही है।
महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बैंक कर रहा उपाय
पिछले कुछ महीनों से अमेरिका में महंगाई दर लगातार बढ़ रही है। लगातार बढ़ रही महंगाई पर काबू पाने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व कदम उठा रहा है। पिछले महीने ही फेडरल रिजर्व ने नीतिगत दर में बढ़ोतरी का ऐलान किया था। अब महंगाई के नए आंकड़े सामने आने के बाद एक और बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है।
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