न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को चीन के प्रति अपनी बयानबाजी को और सख्त कहा है कि उनकी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बात करने की कोई इच्छा नहीं हैं और चेतावनी देते हुए कहा है कि वह चीन के साथ कोरोनो वायरस महामारी से निपटने पर संबंधों में बड़ी कटौती कर सकते हैं। इस बीच अमेरिका के रुख से फिलहाल ऐसा लग रहा है कि वह चीन के साथ पूरी तरह से व्यापारिक रिश्ते खत्म करने की बात कह रहा है।
वाशिंगटन और बीजिंग के बीच कोरोना महामारी को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। दोनों देश बड़े व्यापारिक साझेदार रहे हैं लेकिन इस बीच 2019 के अंत में चीनी शहर वुहान से फैले वायरस की वजह से रिश्तों पर संकट के बादल घिर गए हैं।
ट्रम्प ने फॉक्स बिजनेस को बताया, 'मेरा (शी के साथ) बहुत अच्छा रिश्ता है, लेकिन अभी मैं उनसे बात नहीं करना चाहता। मैं चीन में बहुत निराश हूं।'
यह पूछे जाने पर कि संयुक्त राज्य अमेरिका जवाबी कार्रवाई में क्या कर सकता है, ट्रम्प ने कोई स्पष्ट बात नहीं कही, लेकिन धमकी भरे लहजे में कहा, 'कई चीजें हैं जो हम कर सकते हैं। हम पूरे रिश्ते को खत्म सकते हैं।' ट्रम्प ने पूछा, 'अगर हमने ऐसा किया, तो क्या होगा? यदि आप पूरे रिश्ते को काट देते हैं तो आप 500 बिलियन डॉलर बचा सकते हैं।'
ट्रंप ने हफ्तों तक चीन पर प्रकोप के असली रूप को छिपाने का आरोप लगाया, जिससे वायरस दुनिया भर में अनियंत्रित रूप से फैल गया और लाखों लोगों ने संक्रमित होकर अपनी जान गंवा दी।
हालांकि बीजिंग ने इस आरोप का पुरजोर खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए जितनी जल्दी हो सके सभी उपलब्ध आंकड़ों को प्रसारित किया जाए।
लेकिन ट्रम्प ने फॉक्स बिजनेस और भी ज्यादा आक्रामक रुख अपनाया, उन्होंने जोर देकर कहा: 'वे इसे रोक सकते थे। वे इसे चीन में रोक सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।' 'यह बहुत दुख की बात है कि दुनिया और हमारे देश के लिए, सभी मौतों के साथ क्या हुआ है,' उन्होंने कहा।
व्यापार समझौते पर संकट के बादल: महामारी ने अमेरिका -चीन के बीच इससे पहले चल रहे व्यापारिक युद्ध को और भी ज्यादा गंभीर मोड़ पर ला खड़ा किया है। ट्रंप ने आंशिक व्यापार सौदे के भविष्य पर सवाल उठाए हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में चीन से फिर से बातचीत शुरु होने के मुद्दे पर ट्रम्प ने सौदे पर फिर से विचार करने की बात कही थी।
हैकिंग का आरोप: पिछले शुक्रवार चीन के वार्ताकारों ने वाशिंगटन के शीर्ष वार्ताकारों से फोन पर बात की थी और पुष्टि की कि दोनों पक्ष समझौते के पहले चरण को लागू करने के लिए सहमत हैं। लेकिन अमेरिका के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि चीनी हैकर उपचार और टीके पर कोरोनो वायरस डेटा पाने की कोशिश कर रहे हैं और इस प्रयास में चीनी सरकार से जुड़े समूह भी शामिल हैं।
प्रयोगशाला से कोरोना के पैदा होने के सबूत के बारे में पूछने पर ट्रंप ने फॉक्स न्यूज़ से कहा था, 'हमारे पास बहुत सारी जानकारी है, और यह अच्छा नहीं है। लेकिन फिर भी, चाहे यह प्रयोगशाला से आया हो या चमगादड़ से आया हो - यह सब चीन से आया और उन्हें इसे रोकना चाहिए था।' गौरतलब है कि दुनिया में चीन पर प्रतिबंध लगाने पर भी चर्चा हो रही है, साथ ही कई देशों ने मुआवजे की मांग की है।
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