मुंबई : कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में सुधार की गति धीमी होगी लेकिन कर्ज की मांग व लोन के उठाव में सुधार आने से आशा जगने के संकेत मिलते हैं। निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) अमिताभ चौधरी ने यह राय व्यक्त की है। हालांकि उन्होंने इस बात पर संदेह जाहिर किया कि सरकार अर्थव्यवस्था के लिये राहत के अतिरिक्त उपाय करने वाली है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था 'L'आकार में उबरेगी।
यदि कोई अर्थव्यवस्था तेजी से गिरने के बाद तेजी से उबरती है, तो इसे अर्थशास्त्र में ‘V’ आकार का सुधार कहा जाता है। इसी तरह यदि कोई अर्थव्यवस्था गिरावट के बाद कुछ समय तक सुस्त रहती है और उसके बाद तेजी से उबरती है तो इसे ‘U’ आकार का सुधार कहते हैं। हालांकि जब अर्थव्यवस्था अचानक मंद पड़ने के बाद उबरने में लंबा समय लगाती है, तो इस स्थिति को ‘L’ आकार का सुधार कहते हैं।
चौधरी ने कहा कि मेरा आकलन है कि वृहद आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है, विशेष रूप से पिछले महीने में। मैं आशावाद की स्पष्ट वापसी देख रहा हूं। जब मैं विभिन्न संगठनों के सीईओ के साथ बातचीत करता हूं और जब नये ऋण के बारे में जानकारियां जुटाने, क्रेडिट कार्ड के खर्च तथा नए खाते खाले जाने आदि को देखता हूं, तब यह स्पष्ट हो जाता है।
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