Azim Premji Birthday: साल 1944....मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद अली जिन्ना चाहते थे उनकी प्लानिंग कमेटी में पढ़े लिखे और अमीर लोग हो। इसलिए जिन्ना ने बिजनेसमैन मोहम्मद हाशिम को इस कमेटी में शामिल होने का ऑफर दिया था। अगर ये ऑफर स्वीकार कर लिया जाता तो शायद आज पाकिस्तान में होते दिग्गज आईटी कंपनी के चेयरपर्सन और भारत के सबसे बड़े दानी अज़ीम प्रेमजी। मोहम्मद हाशिम उनके पिता हैं। विप्रो के संस्थापक अज़ीम प्रेमजी का आज 77 वां जन्मदिन हैं। अज़ीम प्रेमजी का जन्म 1945 में हुआ था। उनके पिता मोहम्मद हाशिम प्रेमजी भारत के एक बड़े बिजनेसमैन थे. वो बर्मा से भारत से आकर बसे और यहां चावल का कारोबार स्थापित किया। उन्हें राइस किंग ऑफ बर्मा के नाम से जाना जाता था। साल 1945 में उन्होंने अपना बिजनेस को अंग्रेजी सरकार की नीतियों की वजह से बदल लिया था।
जानने के लिए चलते हैं आजादी के साल सन 1947 में। तब अजीम प्रेमजी के पिता मोहम्मद हाशिम प्रेमजी ने एक पुरानी सी मिल में वनस्पति तेल कंपनी के रूप में इसकी नींव रखी थी। फिर समय बदला और साल 1966 में हाशिम प्रेमजी का निधन हो गया। तब अजीम प्रेमजी की उम्र महज 21 वर्ष थी। इतनी कम उम्र और अनुभव होते हुए भी अजीम प्रेमजी ने कंपनी की बागडोर अपने हाथों में ली और उसे जिम्मेदारी से संभाला भी। उन्होंने अमेरिका से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री और विप्रो को फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) के रूप में स्थापित किया। एक दिलचस्प बात, आप में से कई लोगों को विप्रो का फुल फॉर्म नहीं पता होगा. विप्रो का पूरा नाम है वेस्टर्न इंडियन पाम रिफाइंड ऑयल लिमिडेट।
अज़ीम प्रेमजी को भारत का बिल गेट्स भी कहा जाता है। वजह है उनके द्वारा किए गए परोपकारी कार्य। आपको जानकार हैरानी होगी की दान करने के मामले में देश के तमाम बड़े उद्योगपति से कही आगे हैं। जिसमें खुद अंबानी-अदानी तक शामिल हैं। एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2021 के अनुसार, अज़ीम प्रेमजी ने वित्त वर्ष 2020-21 में कुल 9,713 करोड़ रुपये यानी 27 करोड़ रुपये प्रतिदिन का दान दिया। इसके साथ उन्होंने परमार्थ कार्य करने वाले भारतीयों के बीच अपना शीर्ष स्थान हासिल किया। तो वहीं इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर रहे रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी। जिन्होंने साल 2020-21 में 577 करोड़ रुपये दान किए. इस लिस्ट में आठवें नंबर पर रहे अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी। उन्होंने 130 करोड़ रुपये का दान किया। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक अज़ीम प्रेमजी 25.8 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 46वें नंबर पर हैं।
90 के दशक में जब विप्रों ने आईटी सेक्टर में अपनी पहचान बनानी शुरू की थी, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा की वनस्पति तेल, साबुन, मोम, कंटेनर जैसे प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी आगे चलकर एक दिग्गज सॉफ्टेवयर जाएंट बन जाएगी। जुलाई, 2022 के आंकड़े बताते हैं कि विप्रो अभी दुनिया की 556वीं सबसे ज्यादा वैल्यू वाली कंपनी है जिसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 29.85 अरब डॉलर यानी करीब 2.35 लाख करोड़ रुपये है। हाल ही में कंपनी ने एक अनोखा फैसला लिया था जिसकी खूब चर्चा हुई. इन दिनों जब कर्मचारियों के नौकरी छोड़कर जाने की समस्या से आईटी सेक्टर परेशानी थी, तब विप्रो ने इससे निजात पानी के लिए योजना बनाई। कंपनी ने कर्मचारियों को जोड़े रखने के लिए हर तीन महीने पर सैलरी हाइक और प्रमोशन देने की की बात कही।अजीम प्रेमजी की महान शख्सियत का अंदाज़ा इसी बात से लगा लीजिए कि वो पहले भारतीय हैं जिन्होंने बिल गेट्स और वारेन बफेट द्वारा शुरू की गई 'द गिविंग प्लेज' ली है।
Covid19: कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में वारियर बने अजीम प्रेमजी, अनुभव को किया साझा
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