नई दिल्ली: बैंक ऑफ बड़ौदा ने मंगलवार को सर्विस चार्ज को लेकर नए बदलाव किए। कैश जमा और निकासी चार्ज प्रभावी होने के कुछ दिनों बाद रोलबैक आया। बैंक ने ट्वीट किया कि मौजूदा महामारी की स्थिति और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के मद्देनजर बैंक ऑफ बड़ोदा ने सर्विस चार्ज में किए गए संशोधन को वापस लेने का फैसला किया है जो एक नवंबर 2020 से लागू किया गया था और ग्राहक आसानी से सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता ने अपने लेटेस्ट सर्कुलर में कहा कि हम अपने सर्कुलर संख्या: BR: 112: 393 दिनांक 29.09.2020 का उल्लेख करते हैं, जो कि बुनियादी सेवाओं से संबंधित कैश से संबंधित सर्विस चार्ज में संशोधन के संबंध में है। मौजूदा प्रचलित कोरोना वायरस महामारी और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता ने अपने लेटेस्ट सर्कुलर में कहा कि उपरोक्त सर्कुलर को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला लिया गया है।
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को आरोपों के बारे में स्पष्ट किया और घोषणा की कि बुनियादी बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खातों पर जन धन खातों समेत कोई सेवा शुल्क लागू नहीं है, जो समाज के गरीब और अनबैंक्ड सेग्मेंट द्वारा खोले गए हैं। नियमित बचत खाते, चालू खाते, कैश क्रेडिट खाते और ओवरड्राफ्ट खाते: वित्त मंत्रालय ने कहा कि शुल्क नहीं बढ़ाया गया, बैंक ऑफ बड़ौदा ने कुछ बदलाव किए थे। जो 1 नवंबर 2020 से प्रति माह मुफ्त कैश जमा और निकासी की संख्या के संबंध में था।
मंत्रालय ने कहा कि हाल में किसी भी अन्य सार्वजनिक उपक्रम (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक) ने इस तरह के चार्ज में वृद्धि नहीं की है। आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, पीएसबी सहित सभी बैंकों को निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से अपनी सेवाओं के लिए शुल्क लगाने की अनुमति है, अन्य पीएसबी ने भी इरादा जाहिर किया कि कोविड 19 को देखते हुए उनका निकट भविष्य में बैंक चार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं हैं।
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