Bank strike against privatization : सरकारी बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) गुस्से में है। बैंक यूनियन का कहना है कि बैंकों के 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी 15-16 मार्च 2021 को दो दिन की हड़ताल करेंगे। इस वजह से लगातार 4 दिनों तक बैंक बंद रहेंगे। यूनियन ने बताया कि अगर फिर भी सरकार अपने फैसले पर आगे बढ़ती है, तो हम आंदोलन और तेज करेंगे और लंबे समय तक हड़ताल और अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। हम मांग करते हैं कि सरकार अपने फैसले पर फिर से विचार करे। गौर हो कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी।
एआईबीईए ने बयान में कहा है कि यूनाइटेड फोरम ऑफ यूनियंस के बैनर तले 9 यूनियनों एआईआईबीए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू और एनओबीओ के करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी मिलकर सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
इस साल के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि एक जनरल इंश्योरेस कंपनी के साथ दो सरकारी बैंकों (PSB) का निजीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कहा था कि आईडीबीआई बैंक के अलावा, हम वर्ष 2021-22 में दो सरकारी बैंकों और एक जनरल इंश्योरेस कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव रखते हैं। इसके लिए विधायी संशोधनों की आवश्यकता होगी और मैं इस सत्र में ही संशोधन पेश करने का प्रस्ताव रखती हूं।
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