वरिष्ठ नागरिक निवेशकों की निवेश आवश्यकताएं दूसरों से अलग होती हैं। रिटायर व्यक्तियों को सलाह दी जाती है कि वे कम जोखिम वाली निवेश रणनीति अपनाएं क्योंकि उन्हें बाजार से जुड़े झटकों से उबरने में समस्या हो सकती है। इसलिए वरिष्ठ नागरिक एफडी को अधिक पसंद करते हैं। एफडी कराने के कई लाभ हैं जैसे कि इसे पैसों की जरूरत के वक्त कभी भी तोड़ा जा सकता है, किसी भी राशि का निवेश किया जा सकता है, यकीनी तौर पर रिटर्न मिलता है, और लोन की जरूरत पड़ने पर यह कोलेटरल के रूप में काम करता है। जैसे आजकल के हालात हैं, मुद्रास्फीति बढ़ गई है और ब्याज दरें भी बढ़ रही हैं। तो ऐसी स्थिति में वरिष्ठ नागरिक निवेशकों के लिए सही रणनीति क्या होनी चाहिए?
वरिष्ठ नागरिकों को लंबी अवधि की एफडी में पैसा लगाने से बचना चाहिए। निकट भविष्य में पूरी होने वाली छोटी अवधि के एफडी कराएं जिन्हें आगे ब्याज दरों के बढ़ने पर ज्यादा फायदा लेने के लिए रिन्यू कराया जा सकता है। यदि आगे संभावित ब्याज दरों में वृद्धि का फायदा उठाना है तो वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा लंबी अवधि के लिए पैसा जमा करने से बचना चाहिए।
ब्याज दरें एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग-अलग होती हैं। सुरक्षित माने जाने वाले बड़े बैंक सामान्यतः सबसे कम दरें देते हैं। लेकिन छोटे बैंक, जिन्हें तुलनात्मक रूप से जोखिमपूर्ण माना जाता है, उच्च ब्याज दर प्रदान करते हैं। अपने जोखिम और प्रतिफल पर विचार करते बेहतर औसत रिटर्न के लिए अपनी जमा राशि को अलग-अलग बैंकों में डालें। किसी छोटे बैंक में जमा करते समय, आपके पास आरबीआई द्वारा प्रदत्त 5 लाख रुपए का डिपॉजिट इंश्योरेंस होता है, जो बैंक के डूबने की स्थिति में आपको मिलता है। छोटे बैंक में जमा करते समय, इस लिमिट तक ही पैसा जमा करना आदर्श हो सकता है। हालांकि, आप बैंक की स्थिरता का आकलन करते हुए इससे बड़ी राशि लगाने पर भी विचार कर सकते हैं।
यदि आपके पास बड़ी जमा राशि है तो इसे अलग-अलग अवधि के कई जमा करने पर विचार करें। अलग-अलग अवधि में पूरी होने वाली एफडी आपका औसत रिटर्न बेहतर कर सकती हैं, जीवन के विभिन्न चरणों में नकदी की उपलब्धता प्रदान कर सकती हैं, और आपको उच्च ब्याज दर पर अपनी जमाराशि को रिन्यू करने का विकल्प दे सकती हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास 10 लाख रुपए का एक ही जमा है तो इसे 2-2 लाख रुपए के 5 जमा में बाँटें, और इन्हें विभिन्न अवधि जैसे कि एक वर्ष, दो वर्ष, तीन वर्ष, आदि के लिए जमा करें। इनमें से प्रत्येक के मैच्योर होने के बाद, आप प्राप्त राशि का अपने अनुसार उपयोग कर सकते हैं या उच्च रिटर्न के लिए फिर से उनका निवेश कर सकते हैं। आप एक ही बैंक में एक से अधिक एफडी कराने के बजाय अधिक औसत रिटर्न की पेशकश करने वाले कई बैंकों में करा सकते हैं।
यदि आपके पास पहले से कम ब्याज दर वाली एफ़डी है तो उसे स्विच करने से पहले ब्याज दर बढ़ने की प्रतीक्षा करें। यदि आप उच्च ब्याज दरों पर अपनी एफ़डी को रिन्यू कराना चाहते हैं, तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि समय से पहले निकासी पर लगने वाला ब्याज जुर्माना कम हो। उदाहरण के लिए, यदि आप 5% सालाना दर वाली अपनी मौजूदा एफडी को तोड़ते हैं तो इसके लिए आपको 0.5% का जुर्माना देना पड़ सकता है, और इस तरह आपको मिलने वाली दर घटकर 4.5% रह जाती है। हालाँकि, यदि नई एफडी में 6% प्रति वर्ष की दर मिल रही है तो आपको उस जुर्माने के बावजूद फायदा होगा।
वरिष्ठ नागरिक निवेशक अपनी एफडी पर मिलने वाली ब्याज आय के निमित्त एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपए तक की कर कटौती का दावा कर सकते हैं। इसलिए, ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना उनके लिए उच्च रिटर्न प्राप्त करने का एक अच्छा मौका हो सकता है।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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