हमारे भोजन में चावल का महत्वपूर्ण स्थान है। यह भारत में ही नहीं दुनिया भर में भोजन का मुख्य स्त्रोत है। और इसके कई किस्म होते हैं। सबसे बेहतर किस्म हो बासमती कहते हैं। और भी कई बढ़िया किस्म के चावल पाए जाते हैं। जो लोग इसकी खेती करते है वे चावलों के किस्मों में आसानी अंतर पता कर लेते हैं। लेकिन जो खेती नहीं करते हैं उन्हें पचानना मुश्किल होता है। इसलिए मिलावटखोर अधिक कमाई के लिए बढ़िया किस्मों के चावल में घटिया किस्मों का चावल को मिलाकर बेच देते हैं। यहां तक तो फिर भी चल सकता है क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं हो सकता है लेकिन अब तो मुनाफा कमाने के लिए चावल में प्लास्टिक से बने चावल की मिलावट होने लगी है। आइए जानते है इस मिलावट को कैसे पहचानें।
मिलावटी और नकली चावल से गंभीर बीमारी होने का खतरा है। प्लास्टिक के चावलों की मिलावट हो रही है। प्लास्टिक में फैथालेट्स रसायन होता है, जो मानव के हार्मोंस पर असर डालता है। जिससे नपुंसकता जैसी बीमारी हो सकती है। साथ पेट की बीमारी हो सकती है। इसे पहचानना मुश्किल होता है यह नकली है या असली। प्लास्टिक चावल चबाने पर खिंचता है। पाचन तंत्र और लीवर को खराब कर सकता है।
कुछ चावल को लेकर आग में डालें, उसमें जलने की गंध प्लास्टिक जैसी आएगी तो समझें यह प्लास्टिक के चावल हैं। खाने वाले गर्म तेल में चावल को डालने पर यह पिघलना शुरू हो जाएगा। पानी में डालने पर प्लास्टिक के चावल तैरने लगते हैं। चावल पकाने के दौरान उबलने के बाद प्लास्टिक के चावल कंटेनर के ऊपरी हिस्से में मोटी परत की तरह नजर आती है। एक तरीका यह है कि पकाने के बाद कुछ दिनों तक छोड़ दें अगर प्लास्टिक के चावल होगा तो यह बदबू नहीं करेगा क्योंकि यह सड़ता नहीं है।
धान की कटाई के बाद उससे चावल तैयार किया जाता है। यानी चावल की ऊपर परत जिसे भूसी कहते हैं उसे मशीन या उखल में कूट कर हटाया जाता है। तब तक उस चावल को अनपॉलिशड चावल माना जाता है। उसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन बी 1, विटामिन बी 2 , आयरन , मैग्नीशियम और महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं। लेकिन देखने में बदसूरत होता है, थोड़ा भूरे रंग होता है। इसको आकर्षक बनाने के लिए इस रगड़ कर चमकाया जाता है। जिसे पोलिश चावल कहते है। पोलिश चावल पोषक तत्वों की भारी कमी हो जाती है। इसलिए अनपॉलिशड शरीर के लिए फायदेमंद होता है।
बासमती चावल ही एक ऐसा चावल है जिसमें बेहतरीन खुशबू आती है। ऐसी खुशबू दूसरे चावल में नहीं होती है। बासमती चावल थोड़ा पारदर्शी होता है और तलवार की तरह चमक होती है। जो पकाने के बाद अपनी लंबाई का दोगुना हो जाती है या उससे भी अधिक लंबा हो जाता है। इसमें मिलते जुलते सस्ते चावल मिलाए जाते हैं। बासमती चावल सबसे अधिक महंगा होता है।
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