नई दिल्ली : हाई स्पीड ट्रेन चलाने को लेकर भारत ने एक और कदम बढ़ाया है। यह कदम मेक इन इंडिया (Make in India) और आत्मनिर्भर भारत (atmanibhar bharat) को ध्यान में रखकर उठाया गया है। पब्लिक सेक्टर की इंजीनियरिंग कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने मैगलेव रेलगाड़ियों (Maglev trains) को भारत लाने के लिए स्विसरैपिडे (SwissRapide) के साथ गठजोड़ किया है। इससे भारत में ट्रेन 500 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार तक चलेगी।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि अपने कारोबार का डायवर्सिफिकेशन करते हुए शहरी परिवहन (Urban transport) में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए BHEL ने स्विसरैपिडे (SwissRapide) के साथ सहमति ज्ञापन समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत कंपनी मैगलेव (चुंबकीय उत्तोलन पर चलने वाली रेलगाड़ी) ट्रेन को भारत में लाएगी।
मैगलेव रेलगाड़ी सिस्टम (Maglev trains system) में रेलगाड़ी पटरी पर दौड़ने की बजाय हवा में रहती है। इसकी वजह ट्रेन को चुंबकीय क्षेत्र प्रभाव से नियंत्रित करना होता है, इसलिए उसका पटरी से कोई सीधा संपर्क नहीं होता। यह सिस्टम बेहद ऊर्जा दक्ष और रेलगाड़ी को 500 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार तक से चलाने में सक्षम होती है। इस तरह यह धीरे-धीरे रेलगाड़ी सिस्टम की कुल लागत को कम करती है।
BHEL ने कहा कि यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया (Make in India) और आत्मनिर्भर भारत (atmanibhar bharat) अभियान को ध्यान में रखकर किया गया है। यह समझौता BHEL को इस विश्वस्तरीय टैक्नोलॉजी को भारत में लाने, उसका स्वदेशी विनिर्माण करने में सक्षम बनाएगी।
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