नई दिल्ली। डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम और स्वामित्व योजना के तहत किए जा रहे काम से करोड़ो छोटे भूमि मालिकों का फायदा होगा। जिससे वो जब चाहे ऑनलाइन लैंड रिकॉर्ड ले सकते हैं। ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि इसके साथ ही आधार के तर्ज पर सभी लैंड होल्डिंग के लिए एक यूनिक आईडी होगी। जिसको बैंक और कोर्ट से भी जोड़ा जाएगा। जरूरत पड़ी तो उस भूमि की कोई देनदारी या विवाद तो नहीं है इसका पता चल जाएगा।।
वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन को ध्यान में रखते हुए डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ग्रामीण विकास और पंचायती राज्य मंत्रलाय ने एक वर्क शॉप आयोजित किया था, जिसमें कलेक्शन ऑफ रिकॉर्ड, सेंट्रलाइजेशन ऑफ रिकॉर्ड, कॉन्विनियन्स फॉर पीपुल के थीम पर राज्यों से आए प्रतिनिधि शामिल थे। अब तक इसे 10 करोड़ से अधिक जनसंख्या को कवर करते हुए 12 राज्यों में लागू किया गया है तथा 3 राज्यों में इसका प्रायोगिक परीक्षण हुआ है।
25 लाख से अधिक दस्तावेजों का हुआ रजिस्ट्रीकरण
इस प्रणाली का प्रयोग करके 25 लाख से अधिक दस्तावेजों का रजिस्ट्रीकरण किया जा चुका है। यह भी अनुभव किया गया है कि संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अब किसी व्यक्ति को किसी कार्यालय में एक या दो बार जाना पड़ता है जबकि पहले रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसे विभिन्न कार्यालयों के 8 से 9 बार चक्कर लगाने पड़ते थे। रूरल इलाके में 25 फीसदी से ज्यादा आबादी के पास मात्र 25 वर्ग मीटर या उससे छोटे घर है। 94 फीसदी रजिस्ट्री कार्यलय ऑनलाइन हो चुकी हैं। आज देश के 90 फीसदी आबादी के पास मात्र 1 एकड़ से कम की भूमि है।
डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के विभिन्न घटकों में कुल 656190 गांवों में से 600811 गांवों में भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण पूरा कर लिया गया है। वही, कुल 1.63 करोड़ राजस्व मानचित्रों/एफएमबी में से 1.11 करोड़ राजस्व मानचित्रों/एफएमबी का डिजिटलीकरण पूरा कर लिया गया है। कुल 5220 उप रजिस्ट्रार कार्यालयों में से 4883 उप रजिस्ट्रार कार्यालयों का कंप्यूटरीकरण कर लिया गया है।, कुल 5220 उप रजिस्ट्रार कार्यालयों में से 3975 उप रजिस्ट्रार कार्यालयों का राजस्व कार्यालयों के साथ एकीकरण कर लिया गया है, कुल 6712 तहसीलों/राजस्व कार्यालयों में से 2508 में आधुनिक अभिलेख कक्षों की स्थापना कर दी गई है तथा कुल 656190 गांवों में से 74789 गांवों में सर्वेक्षण/पुनर्सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है।
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