नई दिल्ली। ब्रिटेन 2022 के अंत तक एक साल की मंदी की चपेट में आ जाएगा, जो 2008 के वित्तीय संकट के बाद सबसे लंबा और 1990 के दशक जितना गहरा होगा। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सर्दी में गैस और ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण बैंक ऑफ इंग्लैंड ने एक एक चेतावनी में इसका खुलासा किया है। बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा ब्याज दरों को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 1.75 प्रतिशत करने के बाद ब्रिटेन की हालत और भी खराब हो गई है जोकि 1997 के बाद से सबसे अधिक एकल वृद्धि है।
ये रही आर्थिक संकट की वजह
महामारी और युक्रेन में युद्ध के बाद खाद्य, ईंधन, गैस और कई अन्य वस्तुओं की कीमत बढ़ रही है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, गवर्नर एंड्रयू बेली ने आज आर्थिक संकट और 'ऊर्जा झटके' के लिए 'रूस की कार्रवाइयों' को जिम्मेदार ठहराया।
2023 में हर एक तिमाही में सिकुड़ेगी GDP
ऊर्जा की कीमतें अर्थव्यवस्था को पांच- तिमाही मंदी में धकेल देंगी - सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2023 में प्रत्येक तिमाही में सिकुड़ जाएगी और 2.1 प्रतिशत तक गिर जाएगी। बैंक ने गुरुवार को कहा, "उसके बाद विकास ऐतिहासिक मानकों से बहुत कमजोर है, यह भविष्यवाणी करते हुए कि 2025 तक शून्य या थोड़ा विकास होगा।"
गंभीर आर्थिक स्थिति में वास्तविक घरेलू आय में लगातार दो वर्षों तक गिरावट आएगी, 1960 के दशक में रिकॉर्ड शुरू होने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है।
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