नई दिल्ली: उम्मीद है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2021-22 के बजट में स्वास्थ्य, रक्षा और बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाएगी ताकि आर्थिक सुधार को बढ़ावा दिया जा सके। इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने अपने अग्रिम अनुमान में कहा था कि पिछले वित्त वर्ष में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2020-21 में अर्थव्यवस्था 7.7 प्रतिशत का अनुमान है।
इस वित्त वर्ष के लिए अनुमानित बजट आवंटन के कुल व्यय में 14 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री सीतारमण फिस्कल कॉनसोलिडेशन में ढील दे सकती है, क्योंकि इन अभूतपूर्व समय में राजकोषीय नीति को कड़ा करने की जरूरत है।
फाइनेंशियल दैनिक ने एक सीनियर सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा कि अगर अर्थव्यवस्था को विकास के पथ पर वापस लाना है तो खर्च बढ़ाने की जरूरत है। अपने तीसरे बजट में वित्त मंत्री सीतारमण केंद्र प्रायोजित योजनाओं के पुनर्गठन की घोषणा कर सकते हैं।
2020-21 के लिए केंद्रीय बजट में कुल व्यय 30.42 लाख करोड़ रुपए आंका गया है, जो कि महामारी से संबंधित अतिरिक्त खर्च के बावजूद संशोधित अनुमानों में थोड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि कई मंत्रालय कोविड -19 के व्यवधानों के कारण अपने आवंटन का उपयोग करने में असमर्थ थे। राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.5 प्रतिशत पर आंका गया था वह वित्त वर्ष 21 में जीडीपी के 6.5-7 प्रतिशत तक जा सकता है। वित्त वर्ष 21-22 का बजट करीब 35 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ सकता है।
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