Budget 2021 : लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री को बजट से उम्मीदें

हाल के वर्षों में सरकार ने इंश्योरेंस इंडस्ट्री पर विशेष ध्यान दिया है। पर यह नाकाफी है। उम्मीद है इस बजट 2021 में इसको लेकर कुछ बड़े फैसले लिए जाएंगे।

Budget 2021: life insurance industry has expectations from budget
बजट से उम्मीदें 

हाल के वर्षों में भारतीय बीमा उद्योग पर विशेष ध्यान दिया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री जन धन योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना लॉन्च किए। सरकार के इस कदम से इंश्योरेंस सेक्टर में कापी प्रगति हुई। लेकिन यह अभी भी नाकाफी है। बहुत कुछ करने की जरुरत है। इंश्योरेंस कंपनियों को उम्मीद है सरकार और कदम उठाएगी जिससे इंश्योरेंस कराने वालों की संख्या मं बढ़ोतरी होगी। कुछ दिनों बाद केंद्रीय बजट 2021 संसद में पेश होने वाला है। इंश्योरेंस सेक्टर की भी इच्छा है बजट में उनकी मागें भी शामिल हों।

जीवन बीमा पॉलिसी के लिए टैक्स छूट सेक्शन बने

वर्तमान में, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्सपेयर्स वर्षों से जीवन बीमा, बैंक एफडी, ईएलएसएस, पीपीएफ, एनएससी आदि के तहत किए गए निवेश पर 1,50,000 रुपए तक की अधिकतम छूट का लाभ उठाते आ रहे हैं। इतना भर से लोगों के लिए लाभ उठा पाना मुस्किल है। किसी व्यक्ति के जीवन में लाइफ इंश्योरेंस अत्यधिक महत्व रखता है। इसलिए जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए एक अलग कटौती सेक्शन बनाने या धारा 80C की वर्तमान सीमा को 1,50,000 रुपए से बढ़ाकर दोगुना करना जरूरी होगा। दोनों में से किसी एक को लागू करने पर ग्राहक टैक्स-बचत टूल की तुलना में लाइफ इंश्योरेंस को अधिक महत्व दे पाएंगे और लोगों को अपने भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लाइफ इंश्योरेंस खरीदने के लिए भी प्रोत्साहित होंगे।

पेंशन को टैक्स फ्री करें

भारत में अभी भी पर्याप्त पेंशन प्रोडक्ट्स का अभाव है जैसे कि एन्युटी स्कीम्स रिटायरेंट के बाद स्थिर इनकम प्रवाह की गारंटी देती हैं। और बाजार में जो प्रोडक्ट उपलब्ध हैं, वे टैक्स से छूट के योग्य नहीं हैं। एन्युटी स्कीम्स में निवेश करने वाले लोगों को प्राप्त वार्षिकी/पेंशन पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता है।  वरिष्ठ नागरिकों के लिए एन्युटी स्कीम्स सबसे भरोसेमंद निवेश विकल्प है। अब, अगर उन्हें इन स्कीम्स के जरिये से प्राप्त पेंशन पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता है, तो उनकी आय में काफी कमी आएगी। वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए एन्युटी स्कीम्स बनाई जाती है। अगर उन्हें रिटारमेंट केसमय प्राप्त पेंशन पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता है, तो कल्याण का प्राथमिक उद्देश्य पूरा नहीं होता है। इसलिए एन्युटी को टैक्स फ्री किया जाए।
 

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