नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में अपना चौथा बजट पेश किया। उन्होंने कहा है कि बजट-2022 अगले 25 सालों के लिए सुधारों की नीव रखेगा। वित्त मंत्री का कहना है कि बजट में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी और कोरोना संकट से इसे उबारने में मदद मिलेगी। सीतारमन ने वित्त वर्ष 2022-23 में कुल व्यय 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। ये भारी भरकम रकम विभिन्न कल्याणकारी एवं विकास योजनाओं पर खर्च की जाएगी। बजट में सरकार का प्रमुख जोर कुछ विशेष क्षेत्रों पर है और उनके लिए बजट बढ़ाया गया है तो कुछ ऐसे सेक्टर्स भी हैं जिन्हें मायूसी हाथ लगी है।
देश में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बजट में जोर दिया गया है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सरकार की नई पॉलिसी से बैटरी निर्माताओं को लाभ होगा। इसका लाभ एक्साइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड एवं अमारा राजा जैसी ऑटो कंपोनेंट को सीधे रूप से मिलेगा। बजट में सड़क परिवहन में सुधार पर भी विशेष जोर है। अगले तीन सालों में देश में 400 नई 'वंदे भारत' ट्रेनें चलाई जाएंगी। इससे बुनियादी संरचना से जुड़ी कंपनियों को विशेष रूप से लाभान्वित होंगी।
सरकार ने 3.8 करोड़ घरों में पाइप से जल पहुंचाने एवं लॉजिस्टिक पर खर्च के लिए बजट में 60 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया है। इससे मेटल निर्माता कंपनियां लाभान्वित होंगी। सरकार की योजना देश भर में निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए घर बनाने की है। इससे सिमेंट की मांग बढ़ेगी एवं कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में तेजी आएगी।
वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि साल 2022 में देश में 5जी नेटवर्क की नीलामी होगी। इससे टेलिकॉम सेक्टर में मजबूती आने के साथ इंटरनेट की स्पीड तेज होगी। इससे टेलिकॉम कंपनियों में स्पर्धा और तेज होगी। उपभोक्ताओं को बेहतर इंटरनेट सुविधा मिलेगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि उच्च दक्षता वाले सौर मॉड्यूल के निर्माण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) योजना के तहत 19,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया है। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि कृषि वानिकी को अपनाने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने साथ ही कहा कि अर्थव्यवस्था ने कोविड-19 महामारी से उभरने के लिए लचीलापन दिखाया है और 'हमें विकास के स्तर को बनाए रखने की आवश्यकता है।'
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए वर्ष 2022-23 के आम बजट में 5020.50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो इसके पहले के वित्त वर्ष के संशोधित आंकड़े के मुकाबले 674.05 करोड़ रुपये अधिक है। वर्ष 2021-22 में मंत्रालय के लिए 4810.77 करोड़ रुपये आवंटित था, हालांकि संशोधित आवंटन में इस राशि को 4346.45 करोड़ रुपये कर दिया गया था। अगले वित्त वर्ष के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए जो प्रावधान किया गया उसमें 1425 करोड़ रुपये प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति और 515 करोड़ रुपये पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए प्रस्तावित है। इसमें 491 करोड़ रुपये कौशल विकास और जीविका संबंधी पहल के लिए आवंटित किए गए हैं।
रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए तराशे और पॉलिश किए गए हीरे और रत्नों पर आयात शुल्क घटाकर पांच प्रतिशत किया जाएगा, जबकि बगैर तराशे गये हीरे पर आयात शुल्क शून्य कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वर्तमान में तराशे और पॉलिश हीरे के साथ-साथ रत्नों पर आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत है। लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए, सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि सरकार ई-कॉमर्स के माध्यम से आभूषणों के निर्यात की सुविधा प्रदान करेगी, जिसके लिए वह इस साल जून तक ‘सरलीकृत नियामकीय ढांचा’ लागू करेगी।
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