Budget 2022 Income Tax Slabs and Rates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आज बजट पेश कर दिया है। बजट में कोरोना वायरस संकट से उबरती अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज देने की कोशिश की गई। वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) में कोई बदलाव नहीं किया है। पिछले साल भी इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया था। यानी एक बार फिर से आम आदमी के हाथ में निराशा लगी है। उन्हें पहले की तरह ही टैक्स नियमों का पालन करना होगा। आइए जानते हैं उनके पास कौन से विकल्प मौजूद हैं।
इनकम टैक्स के दो स्लैब
फिलहाल इनकम टैक्स के लिए सरकार ने 2 विकल्प दिए हैं। 1 अप्रैल 2020 से केंद्र सरकार ने नया ऑप्शन दिया था। नए टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपसे से ज्यादा की आय पर टैक्स की दरें तो कम रखी गईं, लेकिन इसके तहत करदाताओं को डिडक्शन का लाभ नहीं मिलता है। वहीं पुराने टैक्स स्लैब के तहत करदाताओं को टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है।
इनकम टैक्स के दो स्लैब बरकरार
कमाई (रुपये में) | पहला विकल्प (फीसदी में) | दूसरा विकल्प (फीसदी में) |
2.5 लाख तक | 0 | 0 |
2.5 से 5 लाख तक | 5 | 5 |
5 से 7.5 लाख तक | 20 | 10 |
7.5 से 10 लाख तक | 20 | 15 |
10 से 12.5 लाख तक | 30 | 20 |
12.5 से 15 लाख तक | 30 | 25 |
15 लाख से अधिक लाख तक | 30 | 30 |
दोनों स्लैब में अंतर
पहले और दूसरे स्लैब में दरों के अलावा बड़ा अंतर करदाताओं को मिलने वाली छूटों का है। पहले विकल्प में करदाताओं को कई तरह की टैक्स छूट का लाभ मिलता है। दूसरे टैक्स स्लैब में 5 लाख तक की आय तक कोई टैक्स नहीं लगता है, लेकिन इसमें पुरानी कई छूटों को खत्म कर दिया गया था। टैक्सपेयर अपनी सुविधानुसार दोनों में को कोई भी टैक्स की व्यवस्था चुन सकते हैं।
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मालूम हो कि आयकर स्लैब में सेक्शन 80सी के तहत निवेश करके अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ मिलता है। दूसरी कर व्यवस्था में रियायती दरों का विकल्प चुनने वाले करदाताओं को पहली कर व्यवस्था में उपलब्ध कुछ छूट और कटौती को छोड़ना होगा। सरकार ने 70 कटौतियों की अनुमति दूसरे टैक्स स्लैब में नहीं दी है।
पहले जैसा सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स स्लैब
एक निवासी जिसकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है लेकिन पिछले वर्ष के दौरान उसकी आयु 80 साल से कम थी, तो उसे वरिष्ठ नागरिक माना जाता है। वहीं एक सुपर सीनियर सिटीजन वह होता है जिसकी आयु पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय 80 साल या उससे अधिक थी। वरिष्ठ नागरिक और सुपर सीनियर सिटीजन दो कर व्यवस्थाओं में से किसी का भी चयन कर सकते हैं। (आयकर अधिनियम की धारा 115 बीएसी के तहत)। नई कर व्यवस्था में रियायती दरों का विकल्प चुनने वाले करदाता को मौजूदा कर व्यवस्था में उपलब्ध कुछ छूट और कटौती (जैसे 80C, 80D, 80TTB, HRA) की अनुमति नहीं होगी।
60 साल या उससे अधिक लेकिन 80 साल से कम उम्र वालों के लिए पहला विकल्प
टैक्स स्लैब (रुपये में) | इनकम टैक्स रेट |
3,00,000 तक | 0 |
3,00,001 से 5,00,000 | 5 फीसदी |
5,00,001 से 10,00,000 | 10,000 रुपये + 20 फीसदी |
10,00,001 से ज्यादा | 1,10,000 रुपये + 30 फीसदी |
80 साल या उससे अधिक उम्र वालों के लिए पहला विकल्प
टैक्स स्लैब (रुपये में) | इनकम टैक्स रेट |
5,00,000 तक | 0 |
5,00,001 से 10,00,000 तक | 20 फीसदी |
10,00,001 से अधिक | 1,00,000 रुपये + 30 फीसदी |
सभी सीनियर सिटीजन के लिए इनकम टैक्स रेट का दूसरा विकल्प एक ही है-
टैक्स स्लैब (रुपये में) | इनकम टैक्स रेट |
2,50,000 तक | 0 |
2,50,001 से 5,00,000 तक | 5 फीसदी |
5,00,001 से 7,50,000 तक | 12,500 रुपये + 10 फीसदी |
7,50,001 से 10,00,000 तक | 37,500 रुपये + 15 फीसदी |
10,00,001 से 12,50,000 तक | 75,000 रुपये + 20 फीसदी |
12,50,001 से 15,00,000 तक | 1,25,000 रुपये + 25 फीसदी |
15,00,001 से अधिक | 1,87,500 रुपये + 30 फीसदी |
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