Budget 2022: कैसे बनता है देश का बजट? डिटेल में जानें पूरा प्रोसेस

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Feb 01, 2022 | 08:01 IST

Union Budget 2022-23: क्या आपने कभी सोचा है कि यह बजट कैसे तैयार किया जाता है? केंद्रीय बजट की तैयारी और प्रेजेंटेशन में कई चरण शामिल हैं क्योंकि यह एक लंबी प्रक्रिया है।

Budget 2022: know How Union Budget is prepared and presented in India
Budget 2022: कैसे बनता है देश का बजट? डिटेल में जानें पूरा प्रोसेस (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • जब बजट बनाने की बात आती है तो डेटा बेहद महत्वपूर्ण होता है।
  • अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों और अनुमानों की जांच उनके विभागों के शीर्ष अधिकारियों द्वारा की जाती है।
  • केंद्रीय बजट पेपर्स की छपाई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित 'हलवा समारोह' द्वारा चिह्नित किया जाता है।

Budget 2022: केंद्रीय बजट 2022 पेश होने में कुछ ही देर बची हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आज संसद में बजट पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। पिछले साल की तरह इस साल भी COVID-19 महामारी के मद्देनजर बजट पेपरलेस होगा।

आइए जानते हैं केंद्रीय बजट की तैयारी कैसे की जाती है (How Union Budget is prepared)

सर्कुलर, फॉर्म और डिटेल (Circulars, forms and details)
बजट बनाने का प्रोसेस अगस्त-सितंबर में शुरू हो जाता है यानी बजट प्रस्तुति से लगभग छह महीने पहले। वित्त मंत्रालय संबंधित मंत्रालयों और विभागों को फॉर्म और जरूरी दिशानिर्देशों वाले बजट सर्कुलर भेजती है। इनको आगे क्षेत्र अधिकारियों के बीच वितरित किया जाता है, जिन्हें चालू और पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान अपने संबंधित विभाग के वित्तीय व्यय और प्राप्तियों और आगामी वित्तीय वर्ष के लिए उनकी वित्तीय आवश्यकताओं के बारे में जानकारी प्रदान करने का काम सौंपा जाता है।

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डेटा एकत्रित करना (Data accumulation)
डेटा बजट बनाने में बेहद महत्वपूर्ण होता है। जमीनी स्तर के अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों और अनुमानों की जांच उनके विभागों के शीर्ष अधिकारियों द्वारा की जाती है। अप्रूवल के बाद डेटा संबंधित मंत्रालयों को भेजे जाते हैं, जहां उनकी फिर से जांच की जाती है। उचित जांच के बाद आंकड़े वित्त मंत्रालय को भेजे जाते हैं।

मंत्रालय इनकी एक बार फिर से जांच करता है और फिर अनुमानों को वर्तमान आर्थिक स्थिति और उपलब्ध संसाधनों के साथ कोरिलेट करता है ताकि उनकी फीजिबिलिटी का निर्धारण किया जा सके। यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे तय होता है कि मंत्रालय कैसे राजस्व आवंटित करता है और वेलफेयर योजनाओं के बारे में सोचता है।

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बजट कंपोजिशन (Budget composition)
हर पहलू का विश्लेषण करने के बाद मंत्रालय विभिन्न एडमिनिस्ट्रेटिव मंत्रालयों को राजस्व आवंटित करता है। मंत्रालय नई जन कल्याणकारी योजनाएं भी तैयार करता है। कई बार ऐसा होता है कि संसाधनों के आवंटन को लेकर मंत्रालयों के बीच विवाद हो जाता है। ऐसे में वित्त मंत्रालय आगे की कार्रवाई के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल या प्रधान मंत्री से परामर्श करता है।

ऐसे मामलों में उनका निर्णय अंतिम माना जाता है। भविष्य के व्यय के लिए संसाधनों का आवंटन पूरा करने के बाद, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के सहयोग से वित्त मंत्रालय आगामी वित्तीय वर्ष में अनुमानित राजस्व की एक रिपोर्ट तैयार करता है। प्रिंटिंग शुरू होने से पहले अंतिम केंद्रीय बजट तैयार करने के लिए रिपोर्ट को कंसॉलिडेट किया जाता है।

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बजट पेपर प्रिंटिंग (Budget paper printing)
केंद्रीय बजट पेपर्स की प्रिंटिंग प्रक्रिया को दिल्ली में नॉर्थ ब्लॉक में 'हलवा समारोह' (Halwa Ceremony) से चिह्नित किया जाता है। यह समारोह एक महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से पहले कुछ मीठा खाने की भारतीय परंपरा के एक भाग के रूप में किया जाता है। इस समारोह की अध्यक्षता वित्त मंत्री करते हैं।

बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ वित्त मंत्री हलवा खाते हैं और समारोह के पूरा होने के बाद वे नॉर्थ ब्लॉक बेसमेंट में रहते हैं। यह गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है क्योंकि उन्हें इस बात की जानकारी होती है कि बजट में पेश होने वाला है। जैसे ही वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करना शुरू करते हैं, वे बाहर आ जाते हैं।

बजट प्रेजेंटेशन (Budget presentation)
अंतिम चरण बजट प्रेजेंटेशन है। केंद्रीय बजट वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों से केंद्रीय बजट निर्धारित तिथि 1 फरवरी को पेश किया जा रहा है। चुनावी वर्ष में अंतरिम बजट (Interim Budget) तैयार किया जाता है, जो चुनाव से पहले प्रस्तुत किया जाता है। एक बार जब चुनाव समाप्त हो जाता है तो नई सरकार सत्ता में आती है। तब बजट दोबारा से पेश किया जाता है। इस तरह चुनावी वर्ष में बजट दो बार तैयार और प्रस्तुत किया जाता है।

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