नई दिल्ली: संपत्ति सलाहकार कंपनी एनारॉक ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान नकदी संकट से जूझ रहे बिल्डरों को उनकी परिेयोजनाओं में बिल्कुल तैयार खड़े मकानों को शुक्रवार को डिस्काउंट (छूट) पर बेचने की सलाह दी है। एनरॉक का आकलन है कि बिल्डरों के पास इस समय विभिन्न शहरों में 66,000 करोड़ रुपये के मकान बिक्री को पड़े है जो बन कर बिल्कुल रहने लायक तैयार हो चुके है।
एनारॉक की रपट के अनुसार दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद और पुणे में करीब 78,000 तैयार (रेडी टू मूव) मकान बिक्री को खड़े हैं। इनकी लागत करीब 65,950 करोड़ रुपये है।एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि बिल्डरों को यह सोचना होगा कि उन्हें अपने बिकने के लिए तैयार मकानों के साथ क्या करना है। उनके पास वित्तीय दबाव को झेलने की ताकत कितनी है।
उन्होंने कहा कि अच्छा-खासी नकदी रखने वाले संगठित क्षेत्र के डेवलपरों के छूट देने की संभावना कम है। लेकिन ऐसे बिल्डर जिन्हें जल्दी नकदी चाहिए वह इस विकल्प को चुनेंगे। वह छूट पर या अन्य प्रोत्साहन उपायों के साथ मकानों की बिक्री कर सकते हैं।रपट के मुताबिक में इन सात शहरों में 6.44 लाख से अधिक तैयार मकान हैं। इनमें से करीब 12 प्रतिशत रेडी टू मूव हैं जबकि 88 प्रतिशत निर्माणाधीन।
पुरी ने पहली बार मकान खरीदने वाले ग्राहकों को भी सलाह दी कि वह अच्छे रेडी टू मूव घर खरीदने के लिए बिल्डरों के साथ ठीक से मोलभाव करें। उन्होंने कहा कि आवास ऋण पर ब्याज भी नीचे स्तर पर 7.15 से 7.8 प्रतिशत है।पुरी ने कहा कि लॉकडाउन (बंद) की वजह से भारतीय रियल एस्टेट बाजार में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। कुछ राज्य संपत्ति का ई-पंजीकरण शुरू करने पर भी विचार कर रहे हैं।रपट के अनुसार सबसे ज्यादा रेडी टू मूव 19,200 मकान मुंबई महानगर क्षेत्र में पड़े हैं जिनकी कीमत लगभग 26,150 करोड़ रुपये है। दिल्ली-एनसीआर में 15,600 रहने के लिए तैयार मकान हैं। इनकी कीमत करीब 10,720 करोड़ रुपये है।
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