नई दिल्ली: सनदी लेखाकार (CA), लागत लेखाकार और कंपनी सचिव (CS) जैसे पाठ्यक्रमों के छात्रों को कोचिंग और छात्रावास सुविधा उपलब्ध करा रहे संस्थानों को माल एंव सेवाकर (जीएसटी) से राहत नहीं मिलेगी। अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (AAR) की केरल पीठ ने एक मामले में सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। उसने कहा कि ऐसे संस्थान GST कानून के तहत शिक्षण संस्थान दायरे में नहीं आते हैं। ऐसे में उन्हें 18% की दर से GST देना होगा।
लॉजिक मैनेजमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड ने एएआर से पूछा था कि उसके शैक्षिक कार्यक्रम और प्रशिक्षण को जीएसटी टैक्स से छूट उपलब्ध है या नहीं। संस्थान सीए, कॉस्ट एकाउंटेंसी, सीएस, प्रमाणित प्रबंधन लेखाकार इत्यादि पाठ्यक्रमों से जुड़ी कोचिंग देता है।
एएआर का कहना है कि संस्थान द्वारा उसके छात्रों को होस्टल सुविधा के साथ दी जाने वाली कोचिंग सेवा ‘मिश्रित आपूर्ति’ है। इस प्रकार की मिश्रित आपूर्ति पर कर देनदारी को वाणिज्यिक प्रशिक्षण और कोचिंग सेवाओं के तौर पर वगीगृत किया गया है।
एएआर ने अपने फैसले में कहा है कि आवेदक शिक्षण संस्थान (जीएसटी दर ढांचे के मुताबिक) की परिभाषा में नहीं आता है। इसलिये आवेदक द्वारा दी जान वाले सेवाओं को जीएसटी से छूट नहीं है।
इस हिसाब से संस्थान द्वारा शैक्षिक सेवाओं, हॉस्टल सुविधा सेवा और पुस्तकों की बिक्री के रूप में दी जाने वाली सेवाओं को जीएसटी से छूट नहीं है।
एएमआरजी एण्ड एसोसियेट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि शिक्षा एक उत्तम पेशा है, हालांकि कराधान के उद्देश्य से ‘वाणिज्यिक प्रशिक्षण और कोचिंग सेवायें’ की समूची श्रेणी पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।
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