नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को- लोकेशन मामले (NSE co-location scam) में दिल्ली के एक ब्रोकर और ओपीजी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक संजय गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार को अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। इस संदर्भ में अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी एनएसई की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एवं प्रबंध निदेशक चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) व पूर्व समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
सेबी के अधिकारियों को दी रिश्वत
उल्लेखनीय है कि संजय गुप्ता और उनकी कंपनी के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एनएसई को- लोकेशन घोटाला मामले में चार साल पहले प्राथमिकी दर्ज की थी। आगे अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई द्वारा की गई कार्रवाई में पता चला कि उसने कथित तौर पर सबूत खत्म करने की भी कोशिश की और एनएसई को-लोकेशन घोटाला मामले की जांच कर रहे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के अधिकारियों को रिश्वत भी दी।
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ओपीजी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक पर आरोप लगा है कि उसने एक सिंडिकेट से संपर्क किया और सेबी के अधिकारियों को प्रभावित करने की कोशिश की। हाल ही में सीबीआई ने जांच के तहत गुप्ता के ब्रोकरेज के कार्यालयों सहित 10 स्थानों पर तलाशी की थी। ये एक और हाई- प्रोफाइल गिरफ्तारी है। मार्च में चित्रा रामकृष्ण और समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में ओपीजी सिक्योरिटीज, सेबी के कुछ सदस्यों और एनएसई का नाम लिया है।
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मालूम हो कि एनएसई को- लोकेशन घोटाले मामले में सेबी ने चित्रा रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। चित्रा पर 'रहस्यमयी योगी' के इशारे में एक्सचेंज को चलाने का आरोप है। सेबी के अनुसार इससे नियामकीय नियमों का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाया और गोपनीय जानकारियां भी शेयर कीं।
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