Chicken, Eggs rate fall : चिकन और अंडे के दाम घटे, कीमतों में नरमी की वजह डिमांड में कमी

बिजनेस
आईएएनएस
Updated Nov 18, 2020 | 14:35 IST

चिकन और अंडे के दाम में गिरावट आई है। कारोबारियों को उम्मीद है छठ पूजा के बाद कीमतों में तेजी आ सकती है।

Chicken and eggs prices decreased, softening of rates due to low demand
चिकन और अंडे के दाम में गिरावट 

नई दिल्ली : त्योहारों के चलते चिकन और अंडे की मांग कमजोर रहने के कारण इनके दाम में गिरावट आई है। कोरोना काल में तबाह हुई पोल्ट्री इंडस्ट्री में विगत कुछ महीनों से रिकवरी आई है, जिसके चलते सप्लाई पहले से ज्यादा हो गया है, लेकिन दिवाली से लेकर छठ तक अंडे और चिकन की मांग घटने के चलते कीमतों में नरमी आई है। हालांकि कारोबारियों को छठ के बाद कीमतों में तेजी की उम्मीद है। नवरात्र के बाद करीब एक किलो का एक चिकन (बर्ड) का भाव 90 रुपए से ऊपर चला गया था जो अब 70 से 80 रुपए प्रति बर्ड बिक रहा है। वहीं, 100 अंडे का भाव 530 रुपए से ज्यादा हो गया था जो अब घटकर 500 रुपए से नीचे आ गया है।

बिहार के सीवान जिले के पोल्ट्री फार्म संचालक दूध किशोर सिंह ने बताया कि ने बताया कि नवरात्र समाप्त होने के बाद अंड और चिकन की मांग बढ़ने से इनकी कीमतों में जोरदार इजाफा हुआ था, मगर बीते कुछ दिनों से कीमतों में गिरावट आ गई है। उन्होंने कहा कि दिवाली से छठ तक अंडे और चिकन की मांग कमजोर रहती है, इसलिए कीमतों में गिरावट आई है।

पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट रमेश खत्री ने बताया कि कोरोना काल में पोल्ट्री इंडस्ट्री काफी तबाह हो गई थी, लेकिन बाद में रिकवरी आई और धीरे-धीरे अंडे और चिकन की सप्लाई में सुधार हुआ, लेकिन विगत कुछ दिनों से खपत मांग कम होने से कीमतों में नरमी देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि त्योहारों के कारण होटल और रेस्तरां में अंडे और चिकन की मांग करीब 50% घट गई है।

खत्री ने बताया कि कोरोना काल में भारी नुकसान झेल चुके छोटे किसान अभी तक दोबारा अपना कारोबार शुरू नहीं कर पाए हैं, क्योंकि उनके पास पूंजी का अभाव है, लेकिन बड़े कारोबारी इंडस्ट्री में टिके रहे और अब उनके कारोबार में 50% से ज्यादा रिकवरी आ चुकी है।

दूध किशोर सिंह ने बताया कि एक चूजा की कीमत न्यूनतम 30 रुपए और अधिकतम 45 रुपए होती है और उस पर दो महीने का खर्च करीब 20-25 रुपए पड़ता है, इस तरह 70 से 80 रुपए में बिकने पर भी किसानों को मुनाफा हो रहा है।

कारोबारी बताते हैं कि इस साल मार्च से लेकर मई तक पोल्ट्री इंडस्ट्री तबाह रही, लेकिन जून से मांग बढ़ने पर इंडस्ट्री में लगातार रिकवरी देखी जा रही है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर