नई दिल्ली: प्रदेश के कामगारों और मजदूरों को दूसरे राज्यों में परेशानी का सामना न करना पड़े और उनके खाने के लिए पर्याप्त राशन उपलब्ध हो इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी यूपी में 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना का लागू कर दिया है। इस योजना की मदद से न सिर्फ राज्य से बाहर रह रहे यूपी के मजदूरों को आसानी से राशन मिल सकेगा बल्कि दूसरे राज्यों के जो लोग यूपी में रहते हैं उन्हें भी लाभ मिलेगा।
अब अगर राज्य का कोई भी कामगार या फिर श्रमिक देश के किसी दूसरे हिस्से में मौजूद है, तो वह वहां पर भी वह राशन कार्ड का नंबर दिखाकर राशन ले सकता है। अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश वापस आए श्रमिकों को अन्य राज्यों में बने कार्ड पर राशन मिलेगा जबकि इसके अलावा जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें भी फूड के पैकेट मिलेंगे।
‘वन नेशन-वन कार्ड’ योजना के तहत उत्तर प्रदेश का कोई लाभार्थी अन्य राज्य से और अन्य राज्य का कोई भी लाभार्थी उत्तर प्रदेश से एनएफएसए (NFSA) के तहत बने किसी भी राशन कार्ड की राशन संख्या बताकर राशन ले सकता है। यह सुविधा आधार आधारित वितरण और पिछले 6 माह से सक्रिय राशन कार्डों पर ही होगी।
इन 17 राज्यों ने भी लागू की योजना: उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार सहित पांच राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को राष्ट्रीय स्तर पर राशन पोर्टेबिलिटी की अनुमति मिलने के बाद अब देश के 17 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में वन नेशन वन राशन कार्ड की अवधारणा लागू हो गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय और अंतर- राज्यीय पोर्टेबिलिटी की सुविधा 17 राज्यों तथा संघ शासित क्षेत्रों के लगभग 60 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों के लिए उपलब्ध होगी। ये लोग वन नेशन- वन राशन कार्ड योजना के तहत इन राज्यों में कहीं भी उचित मूल्य की दुकान से अपना राशन ले सकते हैं।
केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाले राम विलास पासवान ने शुक्रवार को वन नेशन वन राशन कार्ड के अंतर्गत राष्ट्रीय क्लस्टर के साथ 5 राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दादर नागर हवेली के साथ दमन व दीव को जोड़ने की स्वीकृति दी थी।
राष्ट्रीय क्लस्टर से 12 अन्य राज्य गुजरात, हरियाणा, झारखंड, आंध्र प्रदेश, गोवा, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा पहले ही जुड़ चुके हैं।
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