Coal India: देश में पिछले कुछ समय से बिजली संकट गहराता जा रहा है। वहीं इस बीच सात साल बाद सरकारी कंपनी कोल इंडिया ने कोयले का आयात करने का फैसला किया है। इससे पहले साल 2015 में कोल इंडिया ने कोयले का आयात किया था, उस समय भी देश बिजली संकट का सामना कर रहा था। फिलहाल देश पिछले 6 साल के सबसे खराब बिजली संकट से जूझ रहा है।
पिछले 6 साल के सबसे खराब बिजली संकट से जूझ रहा देश
बिजली मंत्रालय ने 28 मई को लिखे पत्र में कहा कि कोल इंडिया सरकार से सरकार के आधार पर कोयले का आयात करेगी और राज्य जनरेटर और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के ताप बिजली संयंत्रों को आपूर्ति करेगी। कोयला सचिव और कोल इंडिया के अध्यक्ष समेत सभी उपयोगिताओं, शीर्ष केंद्रीय और राज्य ऊर्जा अधिकारियों को पत्र भेजा गया है।
तीसरी तिमाही के दौरान कोयले की कमी होने की उम्मीद
2022 की तीसरी तिमाही के दौरान देश में कोयले की कमी होने की उम्मीद है। साथ ही इस दौरान बिजली की मांग भी बढ़ेगी। बिजली मंत्रालय ने पत्र में कहा कि लगभग सभी राज्यों ने सुझाव दिया था कि राज्यों द्वारा कई कोयला आयात निविदाओं से भ्रम पैदा होगा और कोल इंडिया के माध्यम से केंद्रीकृत खरीद की मांग के बाद निर्णय लिया गया था।
भारत ने हाल के दिनों में स्थानीय कोयले के साथ मिश्रण करने के लिए आयात बढ़ाने के लिए उपयोगिताओं पर दबाव बढ़ाया। साथ ही कहा कि अगर बिजली संयंत्रों ने आयात के माध्यम से कोयले की सूची का निर्माण नहीं किया तो घरेलू खनन कोयले की आपूर्ति में कटौती की जाएगी। वहीं बिजली मंत्रालय ने शनिवार को राज्यों से प्रक्रिया के तहत निविदाओं को निलंबित करने के लिए कहा।
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