Cooking oil/oilseed price today, 08 September 2020 : मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज में 2.5 - 2.5 प्रतिशत की तेजी के कारण स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को पाम एवं पामोलीन तथा सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार का रुख रहा और इनके भाव लाभ दर्शाते बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि शिकॉगो एक्सचेंज में तेजी के कारण सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार आया मगर सस्ते आयात के आगे मांग कमजोर होने से सोयाबीन दाना के भाव में गिरावट आई। इसी प्रकार सस्ते आयातित तेलों की बाढ़ के आगे देशी तिलहनों के पांव ठिठक गये जिसकी वजह से मूंगफली दाना, सोयाबीन दाना के भाव में गिरावट रही। सरसों दाना के भाव भी सस्ते आयात के कारण मामूली कमजोर रहे।
वैसे सरसों की स्थिति अन्य तेल-तिलहनों के मुकाबले बेहतर है और सहकारी संस्था-नाफेड आगामी फसल के आने में सात-आठ महीने की देरी के कारण मांग होने के बावजूद सोच समझकर कम मात्रा में बिकवाली कर रही है। सूत्रों ने कहा कि अगर सरकार वास्तव में आत्मनिर्भरता की हिमायती है, तो उसे सस्ते आयातित तेलों पर अंकुश लगाते हुए उसपर शुल्क बढ़ा देना चाहिये। उन्होंने कहा कि अपनी जरूरत के 70 प्रतिशत खाद्य तेल के लिए आयात पर निर्भर करने वाले देश भारत में देशी किसानों की अपनी लगभग 25 प्रतिशत उपज बाजार में खप नहीं पाती है। इसे खपाने के लिए सस्ते आयातित तेलों पर आयात शुल्क को बढ़ाना चाहिये। तभी यहां के तिलहन उत्पादक किसान लाभान्वित और उत्साहित होंगे और उत्पादन बढ़ाने को प्रेरित होंगे।
सूत्रों ने कहा कि जब पैदावार बढ़ती है तो सस्ते आयात के कारण किसानों के लिए अपने माल को बाजार में खपाना मुश्किल हो जाता है। बाजार का हाल यह है कि वायदा कारोबार में सोयाबीन के नवंबर अनुबंध का भाव 3,822 रुपए क्विन्टल चल रहा है जबकि इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 3,880 रुपए क्विन्टल (मंडी शुल्क, वारदाना सहित सारे खर्चे अलग से) है।
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