भारत सरकार ने अप्रैल तिमाही के लिए विभिन्न छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों को काटने की घोषणा की है। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF जैसी योजनाओं में बड़ी मात्रा से दरों को घटाया गया है। ध्यान रखें भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते रेपो रेट को 80 बेसिस पॉइंट्स घटा दिया था। रेपो रेट अब घाट कर सिर्फ 4.40% हो गया है। यह दर इतना कम कभी नहीं था। यह कटौती छोटे निवेशकों को कैसे प्रभावित करता है? आइए इन घटनाक्रमों के बारे में कुछ बातें समझें।
कोरोना वायरस से कैसे असर पड़ा?
भारतीय रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों को नियंत्रित करता है। धीमी अर्थव्यवस्था, गिरती मुद्रास्फीति, और कोरोनावायरस के आर्थिक प्रभाव का संज्ञान लेते हुए आरबीआई ने रेपो दर को कम करने का निर्णय लिया। नीति दर देश में ऋण और जमा के ब्याज दर को प्रभावित करती है। इसलिए, दर में कटौती के साथ ही छोटी बचत योजनाओं को भी प्रभावित करना पड़ा।
कम ब्याज कोई आपदा नहीं है
ब्याज दरों को देश की अर्थव्यवस्था के सामने देखा जाना चाहिए। विकास धीमा हो रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था अभूतपूर्व संकट से गुजर रही है। महंगाई की रफ्तार धीमी हो रही है। इसलिए ब्याज दरों में कमी ज़रूरी थी। निश्चित आय साधनों पर ज़्यादा ब्याज मिलना आवश्यक रूप से वृद्धि का संकेतक नहीं है। उदाहरण के लिए, मान लीजिये आपका डिपाजिट 9% कमा रहा है पर मुद्रास्फीति की दर 10% है तो आप पैसा गंवा रहे हैं। इससे अच्छा है की आप 7% कमाएं जब मुद्रास्फीति 4% हो। यह आपके लिए बेहतर है।
छोटे निवेशकों के लिए अभी भी सर्वोत्तम विकल्प यही है
कई निवेशक पूंजी सुरक्षा के साथ सुनिश्चित रिटर्न पसंद करते हैं। उनके लिए सरकारी बचत योजनाओं से बेहतर कोई विकल्प नहीं हैं। उदाहरण के लिए, पीपीएफ पर रिटर्न अभी भी 7.1% प्रति वर्ष है, वह भी कर-मुक्त। वहीँ बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर आजकल 6% के आसपास ब्याज मिलेगा और उसपर भी आपको टैक्स लगेगा। इसलिए, यह सरकारी योजनाएं सुरक्षित और दीर्घकालिक निवेश के लिए आपके सबसे अच्छे विकल्प हैं। वे जोखिम-रहित तरीके से विशिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, पीपीएफ सेवानिवृत्ति बचत या बच्चों की शिक्षा के लिए अच्छा विकल्प है। सुकन्या समृद्धि आपकी बेटी की शिक्षा बचत के लिए सही है। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना सेवानिवृत्त के लिए बढ़िया विकल्प है। इसलिए, ब्याज दरों में कटौती के बावजूद आप उनमे निवेश करते रहें और उनका फायदा उठाते रहें।
ज़्यादा रिटर्न चाहिए तो छोटे रिस्क लें
यदि आपक इस माहौल में ज़्यादा ऊंचे रिटर्न कमाना चाहिए हैं तो आपको जोखिम भरें निवेश करने होंगे। नियंत्रित तरीके से छोटे जोखिम लेने का विचार करें। यह आपके निवेश के एक छोटे हिस्से पर ज़्यादा दीर्घकालिक रिटर्न दे सकता है, और निवेश छोटे होने के कारण आपके जोखिम भी छोटे रहेंगे। शेयर बाजारों में अस्थिरता जारी है। हालांकि यह उच्च दीर्घकालिक रिटर्न अर्जित करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। शुरुआती निवेशकों को इक्विटी म्यूचुअल फंड एसआईपी के साथ बाजारों में निवेश करना चाहिए। उच्च रिटर्न हासिल करने के लिए आप हर महीने उपयुक्त, उच्च प्रदर्शन वाली योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। छोटी बचत से गिरती दरें से घबराने की ज़रूरत नहीं हैं। इसलिए अपने लक्ष्य के अनुसार निवेश करते रहें। कोई दिक्कत हो तो अपने निवेश सलाहकार से परामर्श करें।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।)
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।