जिंदगी में घटने वाली सभी घटनाएं खुशनुमा नहीं होती हैं। कुछ घटनाएं हमारी जिंदगी और हमारे फाइनेंस को मुश्किल में भी डाल देती हैं। इसलिए, अपने फाइनेंस को सुरक्षित रखने के लिए एक इमरजेंसी फंड तैयार करके रखने का सुझाव दिया जाता है। एक इमरजेंसी फंड, एक ऐसी सेविंग्स है जो संकट और इमरजेंसी में बहुत काम आता है। एक इमरजेंसी फंड, किसी भी परिवार की फाइनेंसियल सुरक्षा का आधार होता है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के समय में तो यह और ज्यादा जरूरी हो गया है। यदि आपने अभी तक इसे तैयार नहीं किया है तो अब आपको और देर नहीं करनी चाहिए। अन्य इमरजेंसी की तरह यह इमरजेंसी भी बिना बताए आई है और यह आपके फाइनेंस को बर्बाद कर सकती है।
फाइनेंसियल प्लानिंग और मनी मैनेजमेंट से जुड़े अपने सभी आर्टिकल्स में, मैंने एक इमरजेंसी फंड तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया है। यदि आप अभी भी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि यह आपकी फाइनेंसियल सुरक्षा के लिए इतना जरूरी क्यों है तो यहां दो ऐसी परिस्थितियों के बारे में बताया गया है जिनसे आपको इस पर काम शुरू करने की प्रेरणा मिलेगी।
नौकरी छूटना
बेरोजगारी से जुड़े हालिया डेटा से पता चलता है कि मौजूदा देशव्यापी लॉकडाउन के परिणामस्वरूप देश में बेरोजगारी दर 23.4% बढ़ गई है। नौकरी छूटने की घटना, भारत तक ही सीमित नहीं है। इस वैश्विक महामारी के कारण अन्य देशों से भी काफी कटौती की खबरें आ रही हैं। कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान मांग में गिरावट के परिणामस्वरूप गिरते राजस्व के कारण अधिकांश क्षेत्रों में नौकरी छूटने की सम्भावना है। नौकरी छूटने या बेरोजगारी के कारण रेगुलर मंथली इनकम बंद हो जाता है। यदि आपने कोई फाइनेंसियल प्लान बनाकर नहीं रखा है तो नौकरी छूटने पर आपको अपने रेगुलर फिक्स्ड खर्च जैसे किराया, कर्ज का रीपेमेंट, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम, होम यूटिलिटी बिल, बच्चों की फीस, इत्यादि को मैनेज करने में कठिनाई होगी। आपके फाइनेंस पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। एक इमरजेंसी फंड, कठिन समय में आसानी से पैसे की कमी को पूरा करता है। आप इसका इस्तेमाल फिर से शुरू करने के तरीकों का पता लगाते समय अपना रेगुलर खर्च चलाने के लिए कर सकते हैं।
मेडिकल इमरजेंसी
एक इमरजेंसी फंड, एक हेल्थ इमरजेंसी जैसी अप्रत्याशित परिस्थितियों का सामना करने में भी मदद करता है। एक पर्याप्त कवरेज वाला कम्प्रीहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस प्लान, हॉस्पिटलाइजेशन कॉस्ट से निपटने में मदद करता है। लेकिन, कभी ऐसी परिस्थिति भी आ सकती है जब आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्लान, इलाज का सारा खर्च कवर करने के लिए नाकाफी हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में एक इमरजेंसी फंड काफी मददगार साबित होगा। आम तौर पर, कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति को 15 दिन या उससे ज्यादा दिनों के लिए हॉस्पिटलाइज और क्वारंटाइन किया जाता है। आपके इलाज के खर्च में रूम चार्ज, दवाइयां, मेडिकल उपकरण, टेस्ट और डॉक्टर का विजिट शामिल हो सकता है। बीमारी गंभीर होने और हॉस्पिटल में लम्बे समय तक रहने की जरूरत पड़ने पर यह खर्च और बढ़ जाएगा। इसलिए, किसी भी फाइनेंसियल अपर्याप्तता से निपटने के लिए, एक इमरजेंसी फंड का होना जरूरी है।
आपके पास कितना इमरजेंसी फंड होना चाहिए
एक इमरजेंसी फंड, आपके रेगुलर इनकम के बंद होने पर भी आपको एक सम्मानित जीवन जीने में मदद करता है। इस फंड का कोई सही आकार नहीं है, और यह हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होगा। लेकिन शुरुआतियों के लिए, तीन से छहः महीने का खर्च चलाने लायक फंड रखना ठीक होगा। कोविड-19 संकट के कारण पैदा होने वाली फाइनेंसियल चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, 12 महीने या उससे ज्यादा समय तक खर्च चलाने लायक एक बड़ा फंड रखना ठीक होगा। इसे एक फिक्स्ड डिपोजिट में रखा जा सकता है ताकि जरूरत पड़ने पर इसे आसानी से निकाला जा सके। याद रखें: यह फंड, इमरजेंसी के लिए है, इसलिए, इसका इस्तेमाल सिर्फ इमरजेंसी में ही करना चाहिए।
एक इमरजेंसी फंड तैयार करने का तरीका
आप अपने फंड को बढ़ाने के लिए एक फिक्स्ड या रेकरिंग डिपोजिट या एक हाई इंटरेस्ट सेविंग्स अकाउंट में हर महीने एक फिक्स्ड अमाउंट डालना शुरू कर सकते हैं। आप इसे लिक्विड म्यूच्यूअल फंड्स में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं जहाँ से इसे आसानी से निकाला जा सके। आपके इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में आपके पैसे को सुरक्षित रखने, उसे आसानी से निकालने, और उस पर मध्यम रिटर्न देने की क्षमता होनी चाहिए।
एक इमरजेंसी फंड, नौकरी छूटने और मेडिकल इमरजेंसी के अलावा, एक फैमिली इमरजेंसी या घर की मरम्मत जैसी कई अन्य अप्रत्याशित घटनाओं में भी आपकी मदद कर सकता है। यह एक आम गलतफहमी है कि आपकी प्रॉपर्टी भी एक इमरजेंसी फंड की तरह है। रियल एस्टेट एक बहुत बढ़िया एसेट होने के बावजूद, इमरजेंसी में उसे बेच पाना काफी मुश्किल हो सकता है। इसलिए, इस समय आपको सबसे पहले एक इमरजेंसी फंड तैयार करने या उसे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।)
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।