दुनिया, कोरोना वायरस के संकट से जूझ रही है। इस अप्रत्याशित बीमारी ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक पायदान पर पूरी मानव जाति को हिला कर रख दिया है। जहां एक तरफ ग्लोबल स्टॉक मार्केट्स में गिरावट देखने को मिल रही है वहीं दूसरी तरफ मंदी का डर बढ़ता जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि इससे उपभोक्ता खर्च पर काफी बुरा असर पड़ेगा जिसके परिणामस्वरूप नौकरियों से हाथ धोना पड़ सकता है। ऐसी घटनाओं का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है जो कि चिंता का विषय है। लेकिन यह देखना जरूरी है कि इनसे निपटने के लिए आपने किस तरह की तैयारी कर रखी है।
आप जीवन के उतार-चढ़ाव से निपटने और भविष्य में फाइनेंशियल परेशानियों से बचने के लिए कुछ असरदार उपाय कर सकते हैं। आपको ऐसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करना चाहिए जो संकट की घड़ी में आपके और आपके प्रियजनों का सहारा बन सके। किसी भी संकट से उबरने के लिए नीचे दिए गए इन तीन जरूरी फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स पर एक बार गौर करके देखें जो आपके पास जरूर होने चाहिए।
इमरजेंसी फंड
एक इमरजेंसी फंड का महत्व, किसी भी संकट के दौरान बेमिसाल होता है। यह नौकरी छूटने या मेडिकल इमरजेंसी जैसी घटनाओं से निपटने में काफी मददगार साबित होता है। एक इमरजेंसी फंड आपको आत्मनिर्भर बनाए रखेगा और उधार लेने की सम्भावना को कम करेगा। आप अनिश्चितताओं का पूर्वानुमान नहीं लगा सकते या उन्हें कंट्रोल नहीं कर सकते लेकिन आप उनसे निपटने की तैयारी के एक हिस्से के रूप में एक इमरजेंसी फंड का निर्माण तो कर ही सकते हैं। आपके इमरजेंसी फंड में कम से कम इतने पैसे तो जरूर होने चाहिए जिससे कम से कम तीन से छः महीने का खर्च चल सके। इसलिए एक इमरजेंसी फंड तैयार करते समय, किराया, ईएमआई, यूटिलिटी बिल, इंश्योरेंस पेमेंट, बच्चों की पढ़ाई का खर्च, परिवार के हेल्थकेयर का खर्च, इत्यादि जैसे रेगुलर खर्च को ध्यान में रखें। इस पैसे को एक सेविंग्स अकाउंट, फिक्स्ड डिपोजिट, रेकरिंग डिपोजिट या लिक्विड म्यूच्यूअल फंड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करके यह इमरजेंसी फंड तैयार करना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर जल्दी से पैसा निकाला जा सके। संकट के समय पैसों का इंतजाम करने के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता है, इसलिए एक ऐसे इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करें जहां से आप तुरंत पैसे निकाल सके।
हेल्थ इंश्योरेंस
संकट की घड़ी में, एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान आपको मन की शांति देता है। यह आपको मेडिकल इमरजेंसी के दौरान फाइनेंशियल दबाव से बचने में मदद करता है। हेल्थकेयर के बढ़ते खर्च और लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियों में होने वाली बढ़ोत्तरी के कारण एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना और उसे चालू रखना जरूरी हो गया है। आम तौर पर, वेतनभोगी लोगों को उनकी कंपनी के ग्रुप इंश्योरेंस प्लान के माध्यम से कवर किया जाता है। लेकिन यह काफी नहीं भी हो सकता है, खास तौर पर गंभीर बीमारियों को कवर करने के मामले में। इसलिए, पर्याप्त कवरेज वाले कम्प्रीहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में इन्वेस्ट करना जरूरी है। आपको अपने परिवार की सेहत से जुड़ी जरूरतों का आंकलन करने के बाद एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदना चाहिए, यदि उन्हें पहले कभी सेहत से जुड़ी कोई परेशानी न हुई हो तब भी। यहां आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बड़े आकार के कवरेज की जरूरत पड़ सकती है। यदि आपने पहले से ही एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान ले रखा है तो आप टॉप-अप और ऐड-ऑन की मदद से अपने कवरेज को बढ़ा सकते हैं जिससे आपको कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के महंगे इलाज का खर्च उठाने में मदद मिलेगी। एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेते समय, आपको सबसे कम प्रीमियम के आधार पर प्लान का चुनाव नहीं करना चाहिए। आपको ज्यादा से ज्यादा कवरेज दे सकने वाला प्लान चुनना चाहिए। इसके लिए आपको ज्यादा प्रीमियम देने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
टर्म इंश्योरेंस
अनिश्चितता के कारण चिंता बढ़ सकती है। एक अनिश्चित माहौल में, आप इस बात की चिंता सता सकती है कि समय से पहले आपके गुजर जाने पर आपके परिवार का क्या होगा। यहीं तो यह टर्म इंश्योरेंस काम आता है। इसकी मदद से आप निश्चिन्त रह सकते हैं कि आपकी गैर मौजूदगी में आपके परिवार का अच्छी तरह ख्याल रखा जाएगा। एक टर्म इंश्योरेंस प्लान आपकी मौत के बाद आपके आश्रितों को इंश्योरेंस अमाउंट देकर आपके इनकम की भरपाई करने में मदद करेगा। लाभार्थी इस अमाउंट का इस्तेमाल किसी भी फाइनेंशियल कमिटमेंट या जरूरत को पूरा करने के लिए कर सकता है। इसलिए, एक टर्म इंश्योरेंस कवर लेते समय, अपने मौजूदा एनुअल इनकम का कम से कम 10 गुना इंश्योरेंस अमाउंट वाला इंश्योरेंस खरीदें। आप ऐड-ऑन और राइडर्स की मदद से अपने टर्म इंश्योरेंस कवरेज को बढ़ा भी सकते हैं।
यहां बताए गए तीन उपायों की मदद से संकट की घड़ी में सिर्फ आपका ही नहीं बल्कि आपके परिवार का भी फाइनेंशियल फ्यूचर भी सिक्योर हो जाएगा। इनके अलावा, आप अपनी सेविंग्स को बढ़ाने के उपाय भी कर सकते हैं। ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करें जो लम्बे समय में बहुत बढ़िया रिटर्न दे सकें। अपने सुनहरे सालों को सिक्योर करने के लिए अपने कामकाजी सालों में ही सही फाइनेंशियल कदम उठाने की कोशिश करें।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।)
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।