कोरोना वायरस का डर: कितना हेल्थ इंश्योरेंस लेना काफी होगा, आपका कवर करता है?

चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस भारत में भी फैल गया है। इसके इलाज के लिए जानिए कौन सा हेल्थ इंश्योरेंस लेना बेहतर होगा।

Corona virus Fear: how much health insurance will be enough, does your cover?
कोरोना वायरस के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान  |  तस्वीर साभार: PTI

वर्तमान में दुनिया, कोरोना वायरस बीमारी से जूझ रही है और इस बीमारी की चपेट में आने के बाद लोगों की जान जाने से रोकने का तरीका ढूंढ रही है। भारत में इस कोविड-19 वायरस से प्रभावित होने वाले लोगों की कुल संख्या 70 के पार पहुंच चुकी है जिससे लोगों की चिंता और डर काफी बढ़ गया है। इस गंभीर बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कई हेल्थ और ट्रेवल एडवाइजरी जारी किए जाने के बावजूद, सबसे गंभीर सवाल यह है कि इस बीमारी के होने पर इससे कैसे निपटना चाहिए। क्या आपका हेल्थ इंश्योरेंस कवर, इसके इलाज के खर्च को कवर करने के लिए काफी है? इस आर्टिकल में, हम लोग हेल्थ इंश्योरेंस के विभिन्न पहलुओं पर गौर करेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे कि इस जानलेवा वायरस का हमला होने पर आपका इंश्योरेंस आपकी या आपके आश्रित लोगों की क्या मदद कर सकता है।

क्या आपका हेल्थ इंश्योरेंस इसे कवर करेगा?
कोरोना वायरस बीमारी एक इन्फेक्शन है और चूंकि हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों द्वारा अधिकांश इन्फेक्शन को कवर किया जाता है, इसलिए आपकी पॉलिसी के नियमों एवं शर्तों के आधार पर आपके इलाज को कवर किया जाएगा। आपके कवरेज में प्री- और पोस्ट-हॉस्पिटलाइजेशन का खर्च, हॉस्पिटलाइजेशन टेस्ट, एम्बुलेंस का खर्च, इत्यादि शामिल हो सकता है। लेकिन, आपको उन सभी बातों का ध्यान रखना होगा जिनकी वजह से आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता हो। उदाहरण के लिए, एक ऐसे देश की यात्रा करने पर क्या होगा जिसके लिए हेल्थ एडवाइजरी जारी की गई है? आपको अपनी इंश्योरेंस कंपनी से बात करके अपनी पॉलिसी के नियमों एवं शर्तों को अच्छी तरह समझने की कोशिश करनी चाहिए। इस संधर्ब में यह जानना जरूरी है की हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा कोणवीरस को एक पान्डेमिक यानी की महामारी के रूप में घोषित कर दिया गया है| जब कोई बीमारी महामारी घोषित कर दी जाती है और सरकार भी इसकी पुष्टि करती है, तो एक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत दावा करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन अगर सरकार या इंश्योरेंस रेगुलेटरी ऐंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (IRDAI) इंश्योरेंस कंपनियों को यह निर्देश देती है की उनको पॉलिसी धारकों को दावे का लाभ देना होगा तब आप बीमा पॉलिसी के तहत दावा कर सकते हैं| पर सरकार या IRDAI द्वारा अभी तक कोरोना वायरस के महामारी घोषित होने पे कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है|

यहां पे जानने लायक जरूरी बात यह भी है की इस प्रकोप के शुरू होने के समय से ही, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां भी पॉलिसी धारकों को पॉलिसी के लाभ, समावेश और अपवर्जन के बारे में बता रही हैं। कोरोना वायरस बीमारी के प्रसार को देखते हुए, IRDAI ने हाल ही इंश्योरेंस कंपनियों को इस बीमारी से संबंधित हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम्स का जल्दी से निपटान करने का निर्देश जारी किया था। उन्होंने इंश्योरेंस कंपनियों को पूरी दुनिया में हजारों लोगों को प्रभावित करने वाली इस कोरोना वायरस बीमारी के इलाज के खर्च को कवर करने वाले नए हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स लेकर आने के लिए भी कहा है।

कितना इंश्योरेंस काफी है?
कोरोना वायरस से इन्फेक्टेड व्यक्ति को अस्पताल भेज दिया जाता है और उसे 15 दिन या उससे ज्यादा दिनों तक अलग रखा जाता है। आपके हॉस्पिटलाइजेशन चार्ज में काफी हद तक रूम चार्ज, दवा, मेडिकल उपकरण, टेस्ट और डॉक्टर से मिलने की फीस शामिल हो सकती है। आपके अस्पताल में रहने की समय-सीमा के साथ-साथ इलाज का कुल खर्च भी बढ़ सकता है। इसलिए, आपकी पॉलिसी का कवरेज इतना बड़ा तो होना ही चाहिए कि आप अपनी पसंद के अस्पताल में मनचाहा इलाज करा सके।

वर्तमान में, सरकारी अस्पताल, कोरोना वायरस से प्रभावित रोगियों के इलाज का मुख्य केंद्र हैं। सरकारी अस्पतालों में इलाज का खर्च आम तौर पर कम होता है, लेकिन लम्बे समय तक अस्पताल में रहने पर खर्च का बोझ बढ़ सकता है। यदि यह रोग इसी तरह फैलता रहा तो बहुत जल्द प्राइवेट अस्पतालों पर भी दबाव पड़ सकता है। इसलिए, आपका इंश्योरेंस कवरेज इतना बड़ा तो होना ही चाहिए कि आप उसकी मदद से सबसे अच्छे अस्पतालों में प्राइवेट हेल्थकेयर का खर्च उठा सके।

इस तरह की गंभीर बीमारी से निपटने के लिए, 10 लाख रु. या उससे अधिक अमाउंट वाली इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी चाहिए। यदि आप एक मौजूदा पॉलिसी धारक हैं तो यह अपने कवर पर फिर से गौर करने और जरूरत पड़ने पर उसे टॉप अप करने का समय है। इसे आप एक सुपर टॉप-अप कवर की मदद से पूरा कर सकते हैं जो आपके बेस प्लान की तुलना में काफी सस्ता होगा। यहां इस बात पर ध्यान देना भी जरूरी है कि कुछ इलाज और प्रक्रियाओं के लिए सब-लिमिट होता है। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि आपका कुल कवरेज अमाउंट, 10 लाख रु. हो लेकिन आपके मैटरनिटी खर्च को सिर्फ 50,000 रु. तक ही कवर किया जा सकता हो। ये सब-लिमिट ज्यादा होंगे जब टोटल कवरेज ज्यादा होगा, इसलिए एक ज्यादा इंश्योरेंस अमाउंट वाली पॉलिसी लेना ठीक होगा।

क्या एक ट्रेवल इंश्योरेंस प्लान मददगार होगा?
ट्रेवल इंश्योरेंस, ट्रेवल से जुड़े तरह-तरह के रिस्क से इंश्योर्ड की रक्षा करता है। आम तौर पर, ट्रेवल इंश्योरेंस, आपको फ्लाईट कैंसल होने, सामान गुम होने, पासपोर्ट या बटुआ खोने, बैगेज गुम होने, मेडिकल इमरजेंसी, राजनैतिक उपद्रव के कारण जगह खाली करने, और प्राकृतिक आपदा आने पर होने वाले नुकसान को कवर करता है। कुछ ऐसे अपवर्जन या एक्सक्लूशन हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। आम तौर पर, ट्रेवल इंश्योरेंस कंपनियां, एक्टिव मेडिकल इमरजेंसी वाले देशों से आने या जाने से जुड़े क्लेम को स्वीकार नहीं करती हैं। अलग-अलग किस्म की पॉलिसी का वास्तविक कवरेज अलग-अलग होता है। इसलिए यदि आप एक मौजूदा ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी धारक हैं या एक नई पॉलिसी खरीदने जा रहे हैं तो पॉलिसी के लाभों और अपवर्जनों के बारे में जानने के लिए पॉलिसी के नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ें। अपने कवरेज के बारे में अच्छी तरह जान लेना ठीक होता है ताकि बाद में किसी तरह की हैरानी का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, आप जिन देशों की यात्रा पर निकल रहे हैं उन देशों के लिए सरकार द्वारा जारी की गई ट्रेवल एडवाइजरी के बारे में मालूम कर लें। अंत में, पूरी तरह उन बंडल्ड ट्रेवल इंश्योरेंस कवरेज के भरोसे न रहें जो ट्रेवल क्रेडिट कार्ड्स के साथ मिलते हैं क्योंकि उन पर आपको हेल्थकेयर कवरेज नहीं भी मिल सकता है। हेल्थ इंश्योरेंस के लिए, आपको एक स्टैंडअलोन पॉलिसी खरीदना पड़ेगा।

क्या आपको ऐड-ऑन लेना चाहिए?
जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है और यही हाल बीमारी का भी है। हेल्थ इंश्योरेंस ऐड-ऑन, आपके कवरेज को बढ़ाएंगे, फाइनेंसियल दृष्टि से आपको मजबूत करेंगे, और आपको किसी भी बीमारी से लड़ने की ताकत और आत्मविश्वास देंगे। कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं जैसे कैंसर जिसे एक स्टैण्डर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्लान पर्याप्त ढंग से कवर नहीं भी कर सकता है। ऐड-ऑन ले लेने से, आपको उन बीमारियों के इलाज के अत्यधिक खर्च के लिए आवश्यक लिक्विडिटी की सुविधा मिलेगी। आपको ऐड-ऑन लेते समय हेल्थ रिस्क, फैमिली मेडिकल हिस्ट्री, लाइफ स्टाइल और लोकल रिस्क को ध्यान में रखना चाहिए।

जबकि कोरोना वायरस ने विश्व की अर्थव्यवस्था को काफी प्रभावित किया है जिसकी वजह से ग्लोबल मार्केट्स बड़ी तेजी से नीचे गिरने लगे हैं, लेकिन फिर भी कुछ ऐसे फाइनेंसियल टूल्स की मदद लेना ठीक होगा जो आपको फ्यूचर इमरजेंसी से निपटने में आपकी मदद कर सकें। एक कम्प्रीहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस कवर, आपको अप्रत्याशित मेडिकल इमरजेंसी से निपटने में मदद करेगा। आप अपने फाइनेंसियल और मेडिकल इमरजेंसी से जुड़ी जरूरतों के लिए एक इमरजेंसी फंड भी तैयार करके रख सकते हैं। इस समय, एक अच्छे भविष्य के लिए पैसे बचाना और वेल्थ क्रिएट करना ठीक होगा।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।)

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