अपने लिए और अपने परिवार के आश्रित सदस्यों के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना, आपके द्वारा उठाए जाने वाले सबसे अधिक महत्वपूर्ण फाइनेंसियल स्टेप्स में से एक है। एक पर्याप्त कवरेज अमाउंट वाला एक कम्प्रीहेंसिव मेडिकल इंश्योरेंस प्लान, हॉस्पिटलाइजेशन के खर्च से निपटने के लिए आपकी सेविंग्स को खर्च होने और महत्वपूर्ण इन्वेस्टमेंट्स को निकालने से बचाएगा। लेकिन, कुछ ऐसी परिस्थितियां भी पैदा हो सकती हैं जब आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्लान भी एक मेडिकल इमरजेंसी के कॉस्ट को कवर करने में कोई मदद नहीं करेगा या सीमित मदद ही कर पाएगा। कुछ ऐसी परिस्थितियां निम्नलिखित हैं:-
एक वैश्विक महामारी का प्रकोप: जब एक प्रकोप को एक वैश्विक महामारी घोषित कर दिया जाता है, जैसे कि फ़िलहाल चल रहा कोरोना वायरस का संकट, तब कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां, इस तरह की बीमारी के कारण होने वाले हॉस्पिटलाइजेशन के कॉस्ट को कवर करना बंद कर देती हैं।
पहले से मौजूद बीमारियां: हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में कुछ पहले से मौजूद मेडिकल बीमारियों के कारण होने वाले हॉस्पिटलाइजेशन के कॉस्ट को पहले से निर्धारित प्रतीक्षा अवधि के पूरा होने के बाद ही कवर किया जाता है। कहने का मतलब है, यदि आप प्रतीक्षा अवधि के दौरान किसी पहले से मौजूद बीमारी के कारण हॉस्पिटल में भर्ती होते हैं तो आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्लान उसे कवर नहीं कर सकता है।
लिमिटेड कवरेज अमाउंट: यदि हॉस्पिटलाइजेशन का कॉस्ट, आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के कवरेज अमाउंट से अधिक हो जाता है तो बाकी का खर्च आपको अपनी जेब से उठाना पड़ेगा। पॉलिसी की अवधि (आम तौर पर 12 महीने) के दौरान एक से अधिक हॉस्पिटलाइजेशन क्लेम होने पर इस तरह की परेशानी पैदा हो सकती है।
म्बर्समेंट क्लॉज़: कई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां, कैशलेस इलाज की सुविधाएं हैं, लेकिन, सिर्फ उनके नेटवर्क वाले हॉस्पिटल में। कहने का मतलब है, यदि आप किसी गैर-नेटवर्क हॉस्पिटल में भर्ती होते हैं तो आपको हॉस्पिटलाइजेशन का खर्च अपनी जेब से उठाना पड़ेगा और बाद में आवश्यक दस्तावेज जमा करके रेम्बर्समेंट या प्रतिपूर्ति के लिए क्लेम करना होगा।
प्रेगनेंसी से संबंधित हॉस्पिटलाइजेशन: कई बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स, मैटरनिटी से जुड़े हॉस्पिटलाइजेशन के कॉस्ट को कवर नहीं करते हैं। लेकिन, मार्केट में कुछ ऐसी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां भी हैं जो एक स्टैंडअलोन पॉलिसी या एक कम्प्रीहेंसिव प्लान के एक हिस्से के रूप में मैटरनिटी कवरेज देती हैं।
इसलिए, कुछ ऐसी परिस्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं जब आपको एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान होने के बावजूद एक मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए कम समय में पैसों का इंतजाम करने के लिए मजबूर होना पड़ जाता है। यहाँ इसके लिए कुछ तरीके बताए गए हैं।
अपने इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करें
हम सबको सबसे पहले इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करना चाहिए जिसमें आम तौर पर आपके कम से कम 6 महीने के खर्च के बराबर पैसा होता है। किसी भी तरह की फाइनेंसियल इमरजेंसी आने पर, जैसे अचानक हॉस्पिटल में भर्ती होने, नौकरी छूटने या परिवार में कोई इमरजेंसी आने पर यह फंड आपके बहुत काम आएगा और पैसे उधार लेने की सम्भावना कम हो जाएगी।
दोस्तों से और परिवार के लोगों से उधार लें
यह एक इमरजेंसी के दौरान नकद पैसों का इंतजाम करने का शायद सबसे लोकप्रिय तरीका है। इससे आपको इंटरेस्ट चार्ज की चिंता किए बिना जल्दी से जरूरी रकम मिल सकती है। लेकिन, इससे उधार देने वाले व्यक्ति के फाइनेंस पर दबाव पड़ सकता है, उसके साथ आपके लम्बे समय से चला आ रहा सम्बन्ध ख़राब हो सकता है या अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए इसे अपनी आदत बनने न दें और सिर्फ कभी-कभार ही और बहुत ज्यादा जरूरत पड़ने पर ही पैसे उधार लें और उधार में लिए गए पैसे को जल्द से जल्द चुकाने की कोशिश करें।
पर्सनल लोन लें
यदि आपका इनकम स्थिर है, तो आपको कुछ ही दिन में एक पर्सनल लोन मिल सकता है यदि आप सभी योग्यता सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। आप इस परेशानी रहित फाइनेंसिंग फैसिलिटी के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जिससे आपकी बहुत ज्यादा पैसे की जरूरतें भी पूरी हो सकती हैं, और वो भी ऑनलाइन तरीके से। कभी-कभी, बैंक, प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन ऑफर करते हैं जिसे कम से कम दस्तावेज या बिना किसी दस्तावेज के लिया जा सकता है। लेकिन, इस तरह के अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन पर आपके इनकम और क्रेडिट स्कोर के आधार पर 10% से 22% प्रति वर्ष की दर से इंटरेस्ट, और लोन अमाउंट का 2% तक प्रोसेसिंग फीस लग सकती है। EMI भरने में देर करने पर एक्स्ट्रा इंटरेस्ट, लेट पेमेंट पेनाल्टी, और कुछ अन्य प्रकार के चार्ज लगते हैं और क्रेडिट स्कोर भी ख़राब हो जाता है।
क्रेडिट कार्ड से जुड़ा लोन लें
कई क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं को कुछ ऐसे लोन का ऑफर मिलता है जो उनके कार्ड से जुड़े होते हैं। यदि आप इस तरह का लोन पाने के योग्य हैं तो आप बिना किसी दस्तावेज के या कम से कम दस्तावेज की मदद से बड़ी जल्दी पैसों का इंतजाम कर सकते हैं। इस तरह के प्री-अप्रूव्ड लोन का इंटरेस्ट रेट, 12% से 29% प्रति वर्ष के आसपास हो सकता है लेकिन उनका रीपेमेंट छूटने पर यह इंटरेस्ट रेट बहुत ज्यादा बढ़ सकता है। सबसे जरूरी बात, ये लोन आम तौर पर आपके कार्ड के क्रेडिट लिमिट से जुड़े होते हैं; कहने का मतलब है, आपका क्रेडिट लिमिट, आपके लोन अमाउंट की सीमा तक ब्लॉक हो जाएगा और यह ब्लॉक तभी हटेगा जब आप अपने कार्ड बिल का पेमेंट कर देंगे। इसके अलावा, हर क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता को इस तरह का लोन ऑफर नहीं मिलता है और उनका लोन अमाउंट, उनके कार्ड के क्रेडिट लिमिट से ज्यादा नहीं हो सकता है।
एक पेड लोन लें
पेड लोन या माइक्रो लोन का मकसद एकदम कम समय अवधि वाले नकद पैसे या लिक्विडिटी की जरूरतों को पूरा करना है। आप उधारदाता के मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से इस तरह के लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं जहां आपको 24 घंटे के भीतर पैसे मिल सकते हैं यदि आपके KYC दस्तावेज सही हैं। लोन अमाउंट, 1500 रु. से 1 लाख रु. तक हो सकता है और लोन चुकाने की अवधि आम तौर पर 3 महीने से अधिक नहीं होती है। लेकिन, पेडे लोन का इंटरेस्ट रेट बहुत अधिक होता है जो आम तौर पर 0.8% से 2% प्रति दिन होता है। इसके अलावा, एक प्रोसेसिंग फीस भी लगती है जो लोन अमाउंट का 2% हो सकती है। कुछ मामलों में लेट पेमेंट फीस, अलग से 4% हो सकता है।
अपने बेकार पड़े सोने को गिरवी रखकर उसके बदले लोन लें
आप अपने घर या बैंक के लॉकर में धूल खा रहे सोने का इस्तेमाल इमरजेंसी के दौरान कर सकते हैं और एक बैंक या एक NBFC से उसके बदले एक लोन ले सकते हैं जिस पर आपको अपने गिरवी रखे गए सोने के वैल्यू का 80% तक लोन मिल सकता है। इसका इंटरेस्ट रेट, मध्यम होता है जो 12% से 16% के आसपास होता है और इस तरह का लोन, जल्दी से पैसों का इंतजाम करने के लिए एक अच्छा ऑप्शन है और यह उन लोगों के लिए काफी मददगार होता है जिनका क्रेडिट स्कोर ख़राब है या जिनका इनकम कम है। लेकिन, यदि आप लोन चुकाने में असमर्थ हैं तो आपको अपने सोने से हाथ धोना पड़ सकता है।
अपने इन्वेस्टमेंट्स के बदले लोन लें
आप अपने कुछ इन्वेस्टमेंट्स जैसे FD, RD, PPF और म्यूच्यूअल फंड्स के बदले भी लोन ले सकते हैं। लेकिन, इनमें से प्रत्येक जमानती लोन से जुड़े राइडर, काफी अलग-अलग होते हैं, इसलिए आपको ऐसे लोन के लिए अप्लाई करने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह खोजबीन कर लेनी चाहिए। उदाहरण के लिए, आपको अपने बैंक डिपोजिट के बदले लोन मिल सकता है जो उस डिपोजिट का 90% तक होता है जहाँ उस डिपोजिट पर लागू होने वाले इंटरेस्ट रेट पर 1% इंटरेस्ट लगता है। आप तीसरे फाइनेंसियल वर्ष से छठे फाइनेंसियल वर्ष तक अपनी PPF सेविंग्स का 25% से कम अमाउंट का लोन ले सकते हैं जहाँ आपको PPF रेट पर सिर्फ 1% इंटरेस्ट देना पड़ता है। आपको 36 महीने के भीतर इस तरह का लोन चुका देना होता है वर्ना इंटरेस्ट रेट 6% तक चला जाएगा। इसी तरह, आपको अपने म्यूच्यूअल फंड इन्वेस्टमेंट्स या अपने फंड और बैंक के आधार पर अपनी इक्विटी होल्डिंग्स के बदले भी लोन मिल सकता है जो गिरवी रखे गए यूनिट्स के बदले ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी की तरह काम करेगा जिस पर आपको 11% प्रति वर्ष की दर से इंटरेस्ट लगने के साथ-साथ अलग से एक प्रोसेसिंग फीस भी लगती है। इसके अलावा, इस बात का भी ध्यान रखें कि यदि आप इस तरह का लोन चुकाने में असफल हो जाते हैं तो उधारदाता अपने लोन का पैसा वसूल करने के लिए आपके बेशकीमती इन्वेस्टमेंट्स को लिक्विडेट कर देगा जिससे आपके फाइनेंसियल प्लान्स में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
लाइफ इंश्योरेंस प्लान्स के बदले लोन
आप अपने एंडोमेंट प्लान के बदले भी लोन ले सकते हैं जहाँ लोन अमाउंट, पॉलिसी के सरेंडर वैल्यू का 90% तक हो सकता है। ऐसी फाइनेंसिंग फैसिलिटीज में बहुत जल्दी लोन अमाउंट मिल जाता है, इंटरेस्ट रेट मध्यम (9.5% से 13% प्रति वर्ष) होता है, और यह उन लोगों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है जिनका क्रेडिट स्कोर ख़राब है या जिनका इनकम कम है। लेकिन, लोन चुकाने में असफल होने पर आपकी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी को लिक्विडेट कर दिया जाएगा जिससे आपके परिवार पर भयानक खतरा मंडरा सकता है यदि आपके साथ कुछ बुरा हो जाता है।
निष्कर्ष के तौर पर, एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को खरीदने से पहले उसके फाइन प्रिंट को पढ़ना बहुत जरूरी है ताकि आपको उसके समवेशों और अपवर्जनों के बारे में साफ़ तौर पर सारी जानकारी हो। आपको एक कम्प्रीहेंसिव मेडिकल प्लान लेने के बारे में भी सोचना चाहिए जिसका कवरेज अमाउंट 5 लाख रु. से कम नहीं होना चाहिए यदि आप एक मेट्रो शहर में रहते हैं। लेकिन, कठिन परिस्थिति में अपनी सेविंग्स, इन्वेस्टमेंट्स और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों को बचाने और अनावश्यक लोन लेने से बचने के लिए एक पर्याप्त आकार का इमरजेंसी फंड तैयार करके रखना भी उतना ही जरूरी है। आप किसी इमरजेंसी का पूर्वानुमान नहीं लगा सकते, लेकिन आप कम से कम उसके फाइनेंसियल प्रभाव को कम करने के लिए पहले से कुछ जरूरी कदम तो उठा ही सकते हैं, जिस तरह आप अपनी इम्यूनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए अपनी सेहत का ख्याल रखते हैं।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।)
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